17 साल बाद संगीत सम्मेलन में आए अमजद अली खान
जागरण संवाददाता, जालंधर सरोद सम्राट उस्ताद अमजद अली खान 17 साल बाद बाबा हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में
जागरण संवाददाता, जालंधर
सरोद सम्राट उस्ताद अमजद अली खान 17 साल बाद बाबा हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में आए हैं। इस दौरान उन्होंने दिल की बातें साझा कीं। उनकी बातों से गम व गुस्सा दोनों झलक रहा था।
उनसे यह पूछने पर कि क्या फीस कम मिलने के कारण हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में अच्छे कलाकार नहीं आते हैं, वह बोले कि फीस कम मिलना वजह नहीं है। एप्रोच ठीक होना चाहिए। इस बार महासभा की ओर से ठीक एप्रोच किया गया तो वह आ गए। अपने पिता की 42वीं बरसी पर कार्यक्रम पेश करने जा रहे अमजद अली खान ने उनके नाम पर बनाई रचना 'हाफिज कौश' बजाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान अमजद अली खान ने कहा कि भारतीय कलाकारों को समूह में काम करने में निपुणता नहीं है, इसलिए यहा पर कोई अच्छा आर्केस्ट्रा अभी तक नहीं बन पाया है। आतंक के सवाल पर उन्होंने कहा कि पढाई लिखाई में ही कुछ कमी है कि आज शांतिप्रिय लोगों की संख्या कम है।
कलाकारों को मिले कम उम्र में सम्मान
सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए अमजद अली खान ने कहा कि यहा एक खिलाड़ी को 30 से 40 साल की उम्र में तमाम पुरस्कार मिल जाते हैं, लेकिन सरकार कलाकारों को 80 साल से अधिक उम्र का होने का इंतजार करती है। उन्होंने कहा कि कलाकारो में ऊर्जा बनी रहे इसके लिए जरूरी है कि पद्म पुरस्कार युवा अवस्था में ही दे दिए जाएं। इसके अलावा उन्होंने स्कालरशिप की समय सीमा बढ़ाने की भी वकालत की।
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