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    पंजाब में कौन होगा AAP का सीएम चेहरा? लुधियाना उपचुनाव में जीत के बाद मनीष सिसोदिया ने किया एलान

    लुधियाना पश्चिमी विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत ने पार्टी को बड़ी राहत दी है, जिसे 2027 के चुनाव से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है। दिल्ली में हार और पंजाब में आंतरिक असंतोष के बाद यह जीत महत्वपूर्ण है। पार्टी की यह सफलता मुफ्त बिजली, मोहल्ला क्लीनिक और सरल भूमि पंजीकरण जैसी जन-कल्याणकारी योजनाओं तथा किसानों के धरनों से प्रभावित व्यापारियों की समस्याओं को हल करने का परिणाम मानी जा रही है।

    By INDERPREET SINGHEdited By: Prince Sharma Updated: Mon, 23 Jun 2025 10:26 PM (IST)
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    पंजाब की लुधियाना वेस्ट सीट से आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की (सोशल मीडिया फोटो)

    इन्द्रप्रीत सिंह, लुधियाना। Ludhiana By Election 2025: लुधियाना पश्चिमी विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत ने पार्टी को एक बड़ी राहत प्रदान की है। पार्टी इसे 2027 से पहले का सेमीफाइनल बता रही है।

    दिल्ली में विधानसभा चुनाव हारने के बाद जब यह लग रहा था कि पार्टी का वोट बैंक सिमटने लगा है। दिल्ली के बाद केवल पंजाब ही एक ऐसा राज्य था जहां पार्टी की सरकार है। इन चुनाव के दौरान जिस तरह से वालंटियरों ने पार्टी लीडरशिप के खिलाफ खुलकर भड़ास निकाली उससे लगने लगा था कि पंजाब में पार्टी का आधार सिमटने लगा है लेकिन ऐसी स्थिति में लुधियाना पश्चिमी विधानसभा सीट को 10 हजार से ज्यादा मतों से जीतना पार्टी के लिए एक बड़ी राहत वाली बात है।

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    पार्टी ने उन विरोधी नेताओं को भी चुप करवा दिया है जिनका लुधियाना पश्चिमी की जीत पर यह तर्क था कि सत्ता में रहते हुए सत्ताधारी पार्टियां जीतती ही हैं क्योंकि लोगों को विश्वास होता है कि उनके विधायक के जीतने से हलके में कामकाज होंगे। आम आदमी पार्टी ने गुजरात में विपक्ष में रहते हुए भी विसवाधर सीट को 17554 मतों से जीत लिया है। शायद यही वजह है कि पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल का उत्साह सातवें आसमान पर है।

    मनीष सिसोदिया ने घोषित किया सीएम चेहरा

    यदि ऐसा न होता उनके मुंह से यह कतई नहीं निकलना था कि 2022 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की आंधी थी, 2027 में तूफान चलेगा। साथ ही पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी मनीष सिसोदिया ने भी आम आदमी पार्टी की नीतियों की जीत बताते हुए 2027 के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया है।

    उन्होंने कहा कि 2027 का चुनाव भी भगवंत मान की अगुवाई में लड़ा जाएगा। लुधियाना पश्चिमी चुनाव जो आप के विधायक गुरप्रीत गोगी बस्सी की गोली लगने से हुई मौत के बाद हो रहा था, पर पार्टी ने तीन महीने पहले ही अपने राज्य सभा सदस्य संजीव अरोड़ा को उतार दिया था। संजीव अरोड़ा मृदुभाषी व्यक्ति हैं हालांकि उनका इस हलके में उतना आधार नहीं था लेकिन उन्होंने अपने व्यवहार से ही चुनाव में बढ़त बना ली है। यह बढ़ते पार्टी की अपेक्षा से कहीं बढ़कर है।

    'AAP के कामों का फल है यह जीत'

    तिकोने मुकाबले में उनका दस हजार से जीतना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस चुनाव में मात्र 51 प्रतिशत वोट ही पोल हुए जो अब तक का सबसे कम मतदान था। लोगों ने इतने कांटे की टक्कर होने के बावजूद किसी भी प्रकार का उत्साह नहीं दिखाया। राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि पार्टी ने आम लोगों के लिए जो काम किए हैं उसी का यह नतीजा है।

    चाहे वह तीन सौ यूनिट घरेलू सेक्टर के लिए निशुल्क बिजली देने का मामला हो या मोहल्ला क्लीनिक खोलकर उन्हें निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने का या फिर हाल ही में जमीनों की रजिस्टरी करवाने को सरल करना, इन चीजों ने आम लोगों का काम आसान किया है। दूसरा इस जीत का एक बड़ा कारण यह भी रहा है कि इस हलके में ज्यादातर व्यापारी और उद्योगपति ही रहते हैं जिनका किसानों के धरनों के कारण व्यापार में नुकसान पहुंच रहा था।

    उनके धरनों को हटाकर बेशक आम आदमी पार्टी ने ग्रामीण लोगों की नाराजगी मोल ले ली हो लेकिन शहरी वर्ग ने राहत महसूस की । एक उच्च पदस्थ अधिकारी का कहना था कि चुनाव से पूर्व जितनी भी बार भी लुधियाना के लोगों से बात की गई है उनका यही कहना था कि किसी तरह से धरनों को खत्म किया जाए जिन्होंने नेशनल हाईवे को ही बंद कर रखा है। सरकार ने उनकी मांग पूरी की और व्यापारियों ने पार्टी की अपेक्षा....।