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समस्त संसार एक परिवार की भावना से ही उन्नति संभव

परमात्मा यदि हमारा अपना है तो इसका रचा हुआ संसार भी हमारा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 10:02 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 10:02 PM (IST)
समस्त संसार एक परिवार की भावना से ही उन्नति संभव
समस्त संसार एक परिवार की भावना से ही उन्नति संभव

जागरण टीम, होशियारपुर : परमात्मा यदि हमारा अपना है, तो इसका रचा हुआ संसार भी हमारा अपना ही है। यह परमात्मा सबका आधार है। हर एक में और ब्रह्मांड के कण-कण में इसी का वास है। ऐसा भाव जब हृदय में बस जाता है तब किसी अन्य वस्तु अथवा मनुष्य में फिर कोई फर्क नजर नहीं आता। अत: हम यह कह सकते हैं कि समस्त संसार एक परिवार की भावना जीवन में धारण करने से ही उन्नति सम्भव है। निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने वर्चुअल रूप में आयोजित 74वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के दूसरे दिन की शाम को हुए सत्संग समारोह को सम्बोधित करते हुए उक्त विचार व्यक्त किए। सतगुरु माता जी ने प्रतिपादन किया कि यदि हम आध्यात्मिकता के दृष्टिकोण से देखें तो वास्तविक रूप में सबका आधार यह परमात्मा ही है। जिस पर विश्वास भक्ति की बुनियाद है। इसीलिए अपनत्व के भाव को धारण करके हम सब एक दूसरे के साथ सद्भावनापूर्ण व्यवहार करें। हर एक के प्रति मन में सदैव प्रेम की ही भावना बनीं रहे, नफरत की नहीं। यदि हम किसी के लिए कुछ कर भी रहे हैं तब उसमें सेवा का भाव हो, एहसान का नहीं। परमात्मा पर विश्वास की बात को और अधिक स्पष्ट करते हुए सत्गुरु माता जी ने कहा कि जब हम इस परम सत्ता को ब्रह्मज्ञान द्वारा जान लेते हैं तो फिर इस पर विश्वास करने से ही हमारी भक्ति सही अर्थों में और सु²ढ़ होती है। उसके उपरांत फिर जीवन में घटित होने वाले विभिन्न प्रकार के उतार-चढावों के कारण हमारा मन विचलित नहीं होता। यह सुढ़ता हमें सत्संग, सेवा और सुमिरण के माध्यम से प्राप्त होती है।

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