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    पति की दीर्घायु के लिए रखें सोमवती अमावस्या का व्रत : महंत राज गिरी

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 12 Apr 2021 05:15 AM (IST)

    सोमवार की अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। मां कामाक्षी दरबार कमाही देवी में धर्म चर्चा करते हुए महंत राज गिरी ने कहा इस दिन सुहागिनें पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।

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    पति की दीर्घायु के लिए रखें सोमवती अमावस्या का व्रत : महंत राज गिरी

    सरोज बाला, दातारपुर

    सोमवार की अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। मां कामाक्षी दरबार कमाही देवी में धर्म चर्चा करते हुए महंत राज गिरी ने कहा, इस दिन सुहागिनें पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करें, क्योंकि पीपल एकमात्र ऐसा पेड़ है, जो 24 घंटे लगातार प्राणवायु (आक्सीजन) प्रदान करता है। व्रत के धार्मिक पक्ष पर चर्चा करते हुए कहा, पुराने समय में गरीब ब्राह्मण परिवार में पति-पत्नी के अलावा पुत्री भी थी। वह लड़की सुंदर, संस्कारवान व गुणवान थी। लेकिन गरीब होने के कारण विवाह नहीं हो पा रहा था। एक दिन ब्राह्मण के घर साधु महाराज पधारे। वो उस कन्या के सेवाभाव से काफी प्रसन्न हुए। कन्या को लंबी आयु का आशीर्वाद देते हुए साधु ने कहा कि इसकी हथेली में विवाह योग्य रेखा नहीं है तब ब्राह्मण दंपति ने साधु से उपाय पूछा कि ऐसा क्या करें कि विवाह योग बन जाए। साधु ने अंतर्दृष्टि से ध्यान करके बताया कि कुछ दूरी पर गांव में सोना नाम की धोबिन जाति की महिला बेटे और बहू के साथ रहती है, जो आचार-विचार और संस्कार संपन्न व पति परायण है। इससे संबंधित उन्होंने एक कहानी सुनाई।

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    शुभ मुहूर्त

    अमावस्या 11 अप्रैल सुबह 6:03 से, 12 अप्रैल सुबह आठ बजे तक होगी। पीपल के पेड़ में सभी देवों का वास होता है। जो व्यक्ति हर अमावस्या को पूजा न कर सके, वह सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को 108 वस्तुओं की भेंट देकर गौरी-गणेश का पूजन करे तो उसे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी। एक प्रचलित परंपरा है कि पहली सोमवती अमावस्या को धान, पान, हल्दी, सिदूर और सुपाड़ी की भंवरी दी जाती है। इसके बाद की सोमवती अमावस्या को साम‌र्थ्य के हिसाब से फल, मिठाई, सुहाग सामग्री, खाने की सामग्री की भंवरी दी जाती है और फिर भंवरी पर चढ़ाया सामान किसी सुपात्र ब्राह्मण, ननंद या भांजे को दिया जा सकता है।

    गंगा स्नान का विशेष महत्व

    सोमवती अमावस्या को गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इसी कारण दातारपुर, हाजीपुर, तलवाड़ा, मुकेरियां व अन्य शहरों से श्रद्धालु धर्मनगरी हरिद्वार गए हैं, जहां वह सोमवार सुबह गंगा स्नान, दान-दक्षिणा देंगे व पितृतर्पण भी करेंगे।