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    सुदामा के जीवन की गाथा आध्यात्मिक संदेश : साध्वी श्वेता भारती

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 15 Jul 2018 03:41 PM (IST)

    होशियारपुर दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से शिव मंदिर बजवाड़ा में चल रही तीन ि

    सुदामा के जीवन की गाथा आध्यात्मिक संदेश : साध्वी श्वेता भारती

    जेएनएन, होशियारपुर

    दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से शिव मंदिर बजवाड़ा में चल रही तीन दिवसीय श्री हरि कथा के अंतिम दिन दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी श्वेता भारती ने भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त सुदामा क जीवन गाथा का वर्णन किया। साध्वी ने कहा कि इस कथा का एक प्रतीकात्मक संदेश है। सुदामा का अर्थ है जो अच्छी तरह से बंधा हुआ है। हर वह जीव जो बंधनों में जकड़ा है। वह सुदामा है।

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    कथा के अनुसार सुदामा श्रीकृष्ण का मित्र है। यह जीव भी ईश्वर का मित्र है, ईश्वर का अंश है। ईश्वर अंश जीव अविनासी । यह दो पक्षी एक ही वृक्ष के आश्रय में रहते हैं। एक वृक्ष के फलों को खाता है और दूसरा अनासक्त भाव से दृष्टा बन कर रहता है। जीव की यह भूल है कि वह सांसारिक पदार्थो के प्रति इतना आसक्त हो जाता है कि वह परमात्मा को बिल्कुल ही भूल जाता है। मात्र अपने स्वार्थ तक ही सीमित रहता है। मगर, जब कभी एक जीव के पुण्य कर्म जागृत होते हैं, तो एक पूर्ण संत का जीवन में पदार्पण होता है।

    तुलसीदास जी कहते हैं। पुण्य पुंज बिनु मिल¨ह न संता और संत वह मार्ग है, जो इष्ट तक पहुंचा सकते हैं। जीव संसारिक मोह से निकल कर उस वास्तविक प्रेम को जान सकता है, जो सनातन है, पुरातन है। मगर, इस प्रेम को जानने से पूर्व हमें इसके वास्तविक स्रोत को जानना होगा। जिसके बारे में गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं। जाने बिन न होई प्रतीति। तत्वज्ञानी संत ईश्वर के साथ प्रेम करने के सूत्र बताते हुए कहते हैं कि ईश्वर को जानने अर्थात देखने के बाद ही ईश्वर के साथ शाश्वत प्रेम हो सकता है।

    साध्वी ने कहा कि सुदामा के जीवन की गाथा एक आध्यात्मिक संदेश देती है कि मानव अपने जीवन में ऐसे सदगुरु की शरण में जाए, जो उसके घट में धर्म के चार पदार्थ प्रकट कर दे जिसे ब्रह्माज्ञान कहते हैं।

    इस अवसर पर विशेष रूप में जीतो रानी पंच, राजरानी, मीना, मास्टर गुरदीप, पंडित उमेश, जगदीश लाल, फकीर चंद, ठेकेदार कुलदीप, कमलजीत आदि और श्रद्धालु मौजूद थे। कार्यक्रम का समापन प्रभु की पावन आरती के साथ किया गया।

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    शिव मंदिर फतेहगढ़ में कथा कल से

    वहीं, अब दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा शिव मंदिर फतेहगढ़ होशियारपुर में तीन दिवसीय भगवान शिव कथा का आयोजन 16 जुलाई से सायं 4.30 से 7.30 बजे तक किया जाएगा।

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