भरत जैसा भाई मिलना दुर्लभ : साध्वी मानस समीक्षा
श्री रामनवमी महोत्सव के अवसर पर श्री राम भवन चांद नगर बहादुरपुर श्री राम कथा करवाई जा रही है ...और पढ़ें

जागरण टीम, होशियारपुर
श्री राम चरित मानस प्रचार मंडल की ओर से श्री रामनवमी महोत्सव के अवसर पर श्री राम भवन चांद नगर बहादुरपुर श्री राम कथा करवाई जा रही है।
इस कथा को आगे बढ़ाते हुए प्रयागराज से पधारीं साध्वी मानस समीक्षा जी ने कहा कि श्री राम चरित मानस महाकाव्य में भगवान श्री राम अगर विग्रह है राम चरित मानस के रूप में तो महात्मा भरत प्राण हैं। श्री राम जी के लिए महात्मा भरत जी का त्याग और प्रेम अद्वितीय है। इसी लिए भरत के जैसा दूसरा कोई और नहीं।
साध्वी कहती हैं, तुलसीदास जी महाराज लिखते है- 'निरवधि गुन निरुपम पुरुष, भरतु भरत सम जानि।' राम जी के समान राम जी ही है तो भरत के समान भरत जी है। भरत राम ही की अनुहारी, सहसा लखि न सकहि नर नारी।। वैसे दोनों अनुपमेय है और उपमा भी दी गई तो दोनों की ही दोनों से।
उन्होंने कहा कि चित्रकूट की तपोभूमि में दुनिया के अनूठे भाई के रूप में भरत भाई की विपत्ति बटाने वहां पहुंचे तो भगवान श्री राम जी ने कहा भरत धन्य हो गया हूं मैं तुम्हारे जैसे भाई को पाकर। दुनियां का भाई संपत्ति का बटवारा करता है, परंतु राम के भाई ने विपत्ति का बटवारा किया। इसलिए भरत में खुश होकर तुमसे एक बात पूछना चाहता हूं तुम दोनों भाई ये बताओ कि मैं किसका हूं। तो लक्ष्मण और भरत का भाव समझने योग्य है।
लक्ष्मण ने कहा कि प्रभु आप मेरे है। भरत जी ने कहा कि आपका हूं। लक्ष्मण की भक्ति में दावा है और भरत की भक्ति में दन्यता है। कल्याण दोनों से है। बताओ दोनों कहां रहोगे भगवान बोले। लक्ष्मण बोले प्रभु जहां आप रहेंगे वहां मैं रहूंगा और भरत जी को अविलम्ब के रूप में पादुकाएं देकर अवध के लिए विदा कर दिया। शीश पे खड़ाऊ और अंखियों में पानी, राम भक्त ले चला रे राम की निशानी।।
कथा वाचक ने कहा कि पादुकाओं को आधार बनाकर चौदह वर्षों तक भरत जी ने भजन करते हुए भगवान की प्रतिज्ञा की ऐसे महात्मा भरत के चरित्र को जो कहता है और जो सुनता है। उसकी भव रस से विरक्ति होती है और श्री सीता राम जी के चरणों में प्रेम होता है। इस अवसर पर पूर्व पार्षद मोहन लाल पहलवान, शामचौरासी से मंगत राम, विनोद कपूर, अश्विनी चोपड़ा, राकेश भल्ला, जगदीश पटियाल, महिदर पाल गुप्ता, तिलक राज वर्मा, वरिदर चोपड़ा, एसपी गौतम, निहाल चंद, जेपी कश्यप, रविदर शर्मा, सुनील प्रिय, हरीश खन्ना आदि विशेष रूप से उपस्थित हुए।

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