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    पुलेला गोपी चंद का तराशा एक और सितारा आसमान में चमकने को बेताब

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 06 Sep 2018 06:33 PM (IST)

    होशियारपुर की एक नन्ही बैड¨मटन खिलाड़ी राधिका शर्मा 13 वर्ष की आयु में पंजाब ही नहीं बल्कि देश में लोहा मनवा रही है। ...और पढ़ें

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    पुलेला गोपी चंद का तराशा एक और सितारा आसमान में चमकने को बेताब

    संवाद सहयोगी, होशियारपुर: होशियारपुर की एक नन्ही बैड¨मटन खिलाड़ी राधिका शर्मा 13 वर्ष की आयु में पंजाब ही नहीं बल्कि देश में लोहा मनवा रही है। राधिका शर्मा को बैड¨मटन कोर्ट में खेलती देख हर कोई अपने दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जाता है। यूं तो राधिका ने स्कूल से ही कई प्रतियोगिताएं अपने नाम कर रखी है जिसके चलते कैप्टन अमरिन्द्र ¨सह मुख्यमंत्री पंजाब भी राधिका शर्मा का सम्मान कर चुके है। राधिका ने पिछले दिनों अपने नाम एक उपलब्धि हासिल कर ली है। 29 अगस्त से लेकर 2 सितंबर तक चली अंडर-17 और अंडर-19 पंजाब स्टेट बैड¨मटन चैंपियनशिप जालंधर के हंसराज स्टेडियम में हुई थी। राधिका शर्मा ने भी उक्त चैंपियनशिप में हिसा लिया था। राधिका शर्मा का जीत का सफर पहले ही मैच से शुरू हो गया था। राधिका शर्मा ने अँडर-17 में खेले गए अलग-अलग मैचों में अगम्या गोचर, परमीत कौर, सिमरन जीत कौर और मीत कौर को हरा कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था। सेमीफाइनल में राधिका ने फिरोजपुर की प्रेरणा को हरा कर फाइनल में प्रवेश किया और फाईनल में उसने मोहाली की मेहनूर को हरा कर विजेता ट्राफी अपने नाम की। यही पर राधिका की जीत का सफर खत्म नही हुआ और न ही उसकी जीत की भूख शांत हुई थी। राधिका शर्मा ने अँडर-19 में जानी के अपनी उम्र से लगभग डेढ़ गुणा बड़ी बैड¨मटन खिलाड़ियों से भी खेलते हुए अपने पहले मैच में पुष्पा रानी मानसा, सिमरन जीत कौर लुधियाना,सवरीत कौर फिरोजपुर को हरा कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। सेमीफाइनल में राधिका शर्मा ने लुधियाना की मीत कौर को हरा कर फाईनल में प्रवेश किया और फाइनल में राधिका शर्मा ने लुधियाना की ही अरुणिमा को हरा कर चैंपियनशिप ट्राफी अपने नाम की।

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    राधिका शर्मा की माता मीना शर्मा ने बताया कि राधिका के पिता विकास शर्मा होशियारपुर के एडीसी कार्यालय में नौकरी करते है दो बच्चों की पढ़ाई और खेल का खर्च उठाना मुश्किल होता देख फिर भी उन्होने राधिका की प्रतिभा और खेल प्रति रुची को देखते हुए होशियारपुर की कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से राधिका शर्मा को पुलेला गोपीचंद बैड¨मटन एकेडमी हैदराबाद सिखलाई के लिए भेज दिया है। यहां पर राधिका पिछले डेढ़ वर्ष से बैड¨मटन की ट्रे¨नग ले रही है।