चाइनीज डोर की धड़ल्ले से हो रही बिक्री, जिला प्रशासन अनजान, पाबंदी केवल कागजों में
जिला प्रशासन ने चाहे सुरक्षा के लिहाज से चाइनीज डोर पर पाबंदी लगाई है परंतु यह सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। हकीकत में तो चाइनीज डोर की बिक्री धड़ल्ले से पतंग बेचने वाली दुकानों पर हो रही है।

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : जिला प्रशासन ने चाहे सुरक्षा के लिहाज से चाइनीज डोर पर पाबंदी लगाई है, परंतु यह सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। हकीकत में तो इसकी बिक्री धड़ल्ले से पतंग बेचने वाली दुकानों पर हो रही है। चंद पैसों के लालच में कुछ दुकानदार यह डोर बेचकर बच्चों कें जीवन से खिलवाड़ रहे हैं। पुलिस प्रशासन को ऐसे दुकानदारों के बारे में भलीभांति जानकारी होती है, मगर ढीले रवैये के कारण कार्रवाई नहीं होती जिसके चलते हादसे घटित होते रहते हैं। जानवर, पक्षी सहित इंसान भी इसकी चपेट में आकर जान गंवा बैठते हैं। सबसे घातक बात तो इस डोर की यह है कि बिजली की तारों के संपर्क में आने से इनमें करंट आता है और इसकी चपेट में बच्चे आ जाते हैं। कुछ साल पहले आर्य नगर में ऐसा ही मामला सामने आया था जब एक बच्चा चाइनीज डोर के कारण बिजली का करंट लगने से घायल हो गया था। घातक है डोर, प्रशासन अनजान
चाइनीज डोर पतंग उड़ाने के शौकीनों के लिए किसी खतरे से कम नहीं है। इससे पतंग उड़ाने के चक्कर में कई बार बच्चों के गंभीर घायल हो जाते हैं। और तो और वह लोग भी घायल होते हैं जिनका पतंगबाजी से कुछ लेना देना ही नहीं है, यानी राहगीर। कई ऐसे भी केस सामने आए हैं जब राहगीर डोर के कारण घायल हो चुके हैं। पिछले साल घंटाघर चौक में एक राहगीर के गले को डोर ने गहरा जख्म दे दिया। वह अपनी स्कूटी पर काम से घर लौट रहा था। वहीं कुछ बच्चे व युवाओं पर पतंग उड़ाने का क्रेज इस कदर होता है कि कोई फेस्टिवल आते ही इस डोर का इस्तेमाल करने लग जाते हैं। प्रशासन या जिला अस्पताल के रिकार्ड में चाइनीज मांझे से हुई दुर्घटनाएं दर्ज नहीं है, फिर भी इसे जीवन के लिए बड़ा खतरा माना जाता है। यह वो इलाके, जहां डोर के नाम पर मौत की सेल
वैसे के हरेक पतंग बेचने वाली दुकान पर चाइनीज डोर का गंट्टू आराम से मिल जाएगा। लेकिन, फिर भी शहर में कुछ इलाके ऐसे हैं जहां पर चाइनीज डोर का गढ़ है। वहां से होलसेल में यह बिकती है और जिला में अन्य जगहों पर सप्लाई होती है। यदि बात की जाए तो गोशाला बाजार, कमेटी बाजार, कमालपुर, जगतपुरा, गौरां गेट के आसपास के इलाके की, तो यहां पर मौत की डोर को लोग खुशी खुशी खरीदने के लिए आते हैं। यहीं नहीं, इन इलाकों में काफी घरों में भारी मात्रा में डोर स्टोर की गई है। दुकानदार डिमांड के हिसाब से तय जगह पर डोर उपलब्ध करवा देते हैं और किसी को शक भी नहीं पड़ता। चार से पांच सौ रुपये में बिकने वाले गट्टू को डिमांड बढ़ने के हिसाब से ब्लैक में भी बेचा जाता है। होगी सख्त कार्रवाई, जनता से सहयोग देने की अपील : एडीसी
इस संबंध में एडीसी अमित पंचाल ने बताया कि चाइनीज डोर के खिलाफ प्रशासन सख्त है, वैसे भी जिला में इस पर पाबंदी लगी हुई है। इसकी बिक्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस विभाग को भी सतर्क किया गया है। यदि कोई चाइनीज डोर बेचते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटा जाएगा। इसके अलावा उन्होंने आम लोगों से भी अपील की कि वह अपने बच्चों को यह डोर न लेकर दें क्योंकि यह बच्चों के लिए घातक है। लोग इसकी रोकथाम में प्रशासन का साथ दें। यदि कोई यह डोर चोरी छिपे बेचता है या फिर स्टोर की है तो उसके बारे में जानकारी दें। सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखकर एक्शन लिया जाएगा।
नहीं यकीन तो इन मामलों को देख लीजिए, क्योंकि..
सड़क पर काट रही है जीवन की डोर पतंग कट कर आई तो चपेट में आया माधव हुआ जख्मी
23 जनवरी 2018 : चाइनीज डोर में पैर फंसने से माधव (3) पुत्र अरुण कुमार वासी माता रानी चौक प्रेमगढ़ होशियारपुर छत पर गिरकर जख्मी हो गया था। माधव घर की छत पर खेल रहा था और पास ही उसकी माता मंजू रानी काम कर रही थी। इस बीच, कहीं से पतंग कटकर आई और चाइनीज डोर पैर में फंसने से माधव औंधे मुंह गिर गया, जिससे उसे काफी चोट लगी थी। मंजू रानी आज भी वह दिन याद कर सिहर उठती है। उनका कहना है कि चाइनीज डोर बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। एक्टिवा पर जा रहे लवदीप को ले लिया लपेटे में
23 जनवरी 2018 : गढ़दीवाला में चाइनीज डोर की चपेट में आकर लवदीप सिंह पुत्र कुलविद्र सिंह वासी गांव तलवंडी जट्टां जख्मी हो गया था। वह अपनी एक्टिवा पर सवार होकर जब गढ़दीवाला बस स्टैंड के नजदीक पहुंचा तो अचानक चाइनीज डोर की गिरफ्त में आ गया। इसके कारण लवदीप सिंह के नाक व दोनों कानों पर गहरे जख्म हो गए। डोर की तेज धार के कारण वह बुरी तरह से घायल हो गया। जिंदगी में यह झटके कभी भूलने वाले नहीं.. डोर में पैर फंसा तो छत से गिर गया अमित
15 जनवरी 2018 : होशियारपुर-दसूहा रोड पर गांव गिल्लां में छत पर पतंग उठाते चाइनीज डोर का कोपभाजन बना अमित कुमार (11) पुत्र राकेश कुमार वासी गांव गिल्लां। दरअसल, वह घर की छत पर पतंग उड़ा रहा था कि अचानक पैर फिसलने से सिर के बल नीचे सीधा फर्श पर गिर गया। बाजू में फैक्चर आने से काफी समय बाद वह ठीक हुआ था। अमित के पिता राकेश ने कहा कि चाइनीज डोर बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि हादसों को रोका जा सके। चाइना डोर से दौड़ा था करंट, झुलस गया था आर्यन
13 नवंबर 2017 : होशियारपुर का आठ साल का आर्यन चाइनीज डोर में बिजली की तारों से करंट आने के कारण जख्मी हो गया था। डेढ़ माह के लंबे इलाज के बाद ठीक हुआ था। आर्या नगर में रहने वाला आर्यन घर की छत पर चाइनीज डोर से पतंग उड़ा रहा था। इस दौरान चाइनीज डोर ऊपर से गुजर रही बिजली की तारों से छू गई। इससे डोर में करंट दौड़ गया और आर्यन बुरी तरह से जख्मी हो गया। उसके चीखने की आवाजें सुनकर माता ममता चौहान छत पर पहुंची तो देखा कि बेटा बुरी तरह से झुलस चुका था। आनन-फानन में उसे शहर के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया था। डेढ़ महीने के इलाज के बाद वह ठीक हुआ। शरीर के अंदरूनी भाग में काफी जख्म हो गए थे। ममता आज भी बेटे के जख्मों को याद करके तड़प उठती हैं। वह कहतीं हैं कि कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को चाइनीज डोर से पतंगबाजी न करने दें।
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