पंजाब की गौरव कैप्टन तानिया शेरगिल ने रचा इतिहास, सेना में परिवार की चौथी पीढ़ी
कैप्टन तानिया शेरगिल पंजाब की गौरव बन गई हैं। सेना दिवस पर परेड की अगुवाई करने वाली पहली महिला अधिकारी तानिया सेना में सेवा देने वाली अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं।
गढ़दीवाला (होशियारपुर), जेएनएन। अनुशासन और हौसले का दूसरा नाम है कैप्टन तानिया शेरगिल। वह अपने जज्बे और जुनून से पंजाब की गौरव बन गई हैं। वह परिवार की चौथी पीढ़ी से बेटी सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने उतरी है। तानिया को अनुशासन और देश सेवा विरासत में मिली है। मजबूत इरादों के दम पर होशियारपुर की बेटी ने 72वें सेना दिवस पर पुरुषों की परेड की अगुआई करने वाली पहली महिला बनने का गौरव हासिल किया है। 26 जनवरी की परेड में भी इंडिया गेट पर तानिया सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी। पिछले साल कैप्टन भावना कस्तूरी गणतंत्र दिवस पर पुरुषों की सैन्य टुकड़ी की अगुआई कर चुकी हैं।
होशियारपुर की कैप्टन तानिया सेना दिवस पर परेड की अगुवाई करनेवाली पहली महिला अधिकारी बनीं
तानिया शेरगिल मूल रूप से होशियारपुर जिले के कस्बा गढ़दीवाला के गांव पंडोरी अटवाल की रहने वाली हैं। तानिया का जन्म दिल्ली में हुआ और पढ़ाई मुंबई में हुई। इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में बीटेक तानिया वर्ष 2016 में सेना में भर्ती हुईं। चेन्नई की ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से 2017 में कमीशन मिला और लेफ्टिनेंट बनीं। तानिया के परदादा ईश्वर सिंह ने आजादी से पहले सेना में सेवाएं दी थीं। वह सिख रेजिमेंट में थे।
गणतंत्र दिवस की परेड में भी करेंगी सैन्य टुकड़ी की अगुआई
दादा हरी सिंह वर्ष 1945-46 में सेना में भर्ती हुए। वह 14वीं सशस्त्र रेजिमेंट (सिंडी होर्स) में थे। पिता सूरत सिंह भी वर्ष 1982 में सेना में गए और दिसंबर 2016 को सेवानिवृत हुए। वह सेना की 101 मीडियम रेजिमेंट (तोपखाना) में रहे। सेवानिवृति के बाद से वे गढ़दीवाला के चौहका रोड स्थित घर में रहते हैं। बेटी की उपलब्धि पर माता-पिता दिल्ली गए हुए हैं।
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बेटी की उपलब्धि पर गांव में बंटी मिठाई
बेटी की शानदार उपलब्धि पर गांव में खुशी का माहौल है। गांव में रह रहे कैप्टन तानिया के ताया हरमिंदर सिंह, ताई कर्मजीत कौर, सरपंच करनैल सिंह, पंच लेख राज, हरजिंदर सिंह, सुरिंदर कौर, रजनी वाला, शीला देवी ने लड्डू बांटे।
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'सेना में सेवाएं देने के लिए आगे आएं बेटिया'
कैप्टन तानिया के पिता सूरत सिंह ने कहा कि बेटियों को पढ़ाई कर खुद को आत्मनिर्भर बनाना चाहिए। सेना में भर्ती हो देश के लिए अपनी सेवाएं देने के लिए आगे आना चाहिए।
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'सेना में नहीं कोई भेदभाव'
'' यह मेरे लिए बड़े ही गर्व का पल था। यहां सभी एक फौजी हैं। किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं है, चाहे वह मुस्लिम हो, सिख हो या फिर मराठी। जब मैं इंजीनियरिंग के आखिरी साल में थी तब मैंने सेना में भर्ती होने के लिए आवेदन किया था। मुझे यह कामयाबी योग्यता और आशीर्वाद के चलते मिली है।
- कैप्टन तानिया शेरगिल।
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