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    देनोवाल खुर्द बन रहा नशेड़ियों का कब्रिस्तान, एक और युवक की मौत

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 01 Oct 2021 09:59 PM (IST)

    कस्बे का गांव देनोवाल खुर्द नशे का गढ़ बनता जा रहा है। यह थाने से महज दो किलोमीटर की दूरी पर है। शुक्रवार को नशे से एक और युवक ने दम तोड़ दिया। थाने से ...और पढ़ें

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    देनोवाल खुर्द बन रहा नशेड़ियों का कब्रिस्तान, एक और युवक की मौत

    संवाद सहयोगी, गढ़शंकर : कस्बे का गांव देनोवाल खुर्द नशे का गढ़ बनता जा रहा है। यह थाने से महज दो किलोमीटर की दूरी पर है। शुक्रवार को नशे से एक और युवक ने दम तोड़ दिया। थाने से कुछ ही दूरी पर इस गांव में नशे से हो रही मौत पुलिस प्रशासन के लिए सवाल खड़े कर रहा है। मृतक युवक की पहचान जरनैल सिंह निवासी मेंहदीपुर, नवांशहर के रूप में हुई है। मृतक अपने पीछे दो बेटियां छोड़ गया है। पुलिस ने जरनैल सिंह के शव को कब्जे में लेकर गढ़शंकर के सिविल अस्पताल में रखवा दिया गया है। इस गांव 70 फीसद लोगों पर नशे का केस दर्ज है। लोग बताते हैं कि गांव में सरेआम नशा बिकता है। दूर दराज के युवक इस गांव में आकर नशा खरीदते हैं। गांव में कई महिलाओं पर नशा तस्करी का केस दर्ज है।

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    गांव के सरपंच जतिदर ज्योति ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि सुनसान स्थान पर एक युवक औंधे मुंह पड़ा हुआ है। उक्त जगह पर जाने पर देखा कि औंधे मुंह पड़े युवक के शरीर मे कोई हरकत नहीं थी। इसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी। उन्होंने बताया कि युवक की मौत नशीला इंजेक्शन लगाने के कारण हुई लगती है क्योंकि युवक पानी की टंकी के पास गिरा हुआ था और टंकी में इंजेक्शन लगाने वाली सीरिज पानी मे तैर रही थी। उन्होंने बताया कि यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई युवक नशे के कारण इलाके में दम तोड़ चुके हैं। तस्करों को पहले लग जाती है छापेमारी की कार्रवाई

    सरपंच जतिदर ने कहा कि इस संबंध में नशा बिक्री करने वाले लोगों की वीडियो अकसर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर वायरल होती रहती है। पुलिस अधिकारी व कर्मचारी गांव में बराबर छापेमारी करते हैं लेकिन नशा बेचने वाले लोगों को इस छापेमारी की खबर पहले मिल जाने के कारण पुलिस के चुंगल में आने से बच निकलते हैं। गांव के 70 फीसदी लोगों पर तस्करी केस

    गढ़शंकर से दो किलोमीटर दूर देनोवाल खुर्द अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नशा तस्करी व बिक्री के लिए बदनाम गांवो की गिनती में आता है। इस गांव में करीब अढ़ाई सौ घर है और गांव के 70 प्रतिशत लोग नशे का धंधा करने के कारण अदालतों में चल रहे मुकदमों का सामना कर रहे हैं। इसके बावजूद पुलिस व सिविल प्रशासन नशे के धंधे पर नकेल कसने में नाकाम हो रहा है। गढ़शंकर से देनोवाल गांव मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर है यहां हर समय नशा लेने वाले व बेचने वालों का तांता लगा रहता है। इनकी गतिविधियां पुलिस की नजर में कैसे नहीं आती यह इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों में इस बात का रोष है कि आखिर पुलिस क्यों इस गांव में कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती। ऐसे लोगों पर कड़ी करवाई हो जो युवाओं को नशे के दरिया में धकेल रहे हैं।

    कार्रवाई की जाती है, होते हैं मामले भी दर्ज : थाना प्रभारी

    एसएचओ गढ़शंकर इकबाल सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पुलिस नशा तस्करों को पकड़ने के लिए छापेमारी करती है। नशा मिलने वालों के खिलाफ मामले भी दर्ज होते हैं। युवक की मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही लग पाएगा।