पोस्टमार्टम हाउस बदहाल, नहीं है उपकरण
- पोस्टमार्टम भवन में उपकरणों का अभाव
- डाक्टर भी पोस्टमार्टम करने में हिचकने लगे है
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प्रकाश कुमार, समस्तीपुर :
मुख्यालय पर स्थापित पोस्टमार्टम हाउस। जहां शवों का चीर फाड़ किया जाता है। यानी अत्य परीक्षण। इसकी हालत ऐसी कि इन दिनों यह खुद पोस्टमार्टम के पेच फंस गया है। मसलन यहां उपकरणों का ही अभाव है। यहीं नहीं भवन निर्माण भी सरकारी दांव पेच में उलझ कर रहा गया है। भवन में कई उपकरणों का अभाव है। पोस्टमार्टम भवन का निर्माण भी सरकारी पेंच में फंसकर रह गया है। पोस्टमार्टम भवन निर्माण में हो रही देरी का खामियाजा चिकित्सकों व कर्मियों को भुगतना पड़ रहा है।
बताते चले कि कभी पोस्टमार्टम भवन शहर के ताजपुर रोड के किनारे कर्पूरी बस पड़ाव के पीछे हुआ करता था। पर आबादी के साथ बढ़ी घनी बस्ती के लोगों ने जिला प्रशासन से स्थानांतरित करने की मांग रखी। मामले की गंभीरता को देखते हुए वर्ष 2008 में तत्कालीन जिलाधिकारी महेश्वर प्रसाद सिंह ने पोस्टमार्टम भवन को सदर अस्पताल परिसर में स्थानांतरित कर दिया। सदर अस्पताल परिसर में ब्लड बैंक के निकट खाली पडे़ एक कमरे में शव के परीक्षण करने की व्यवस्था कर दी गई। सदर अस्पताल का यह भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त एवं जर्जर स्थिति में है। पोस्टमार्टम भवन के इस कमरे में न तो कोई दरवाजा है और न ही खिड़की। भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसकी दीवार व छत किसी भी समय गिर सकती है। फर्श भी कच्चा है। कमरे में एक टूटा-फूटा पलंग लगा है जिस पर पोस्टमार्टम कार्य किया जाता है। पोस्टमार्टम भवन पूरी तरह संसाधन विहीन है। उपकरणों की व्यवस्था के लिये चिकित्सकों ने कई बार सिविल सर्जन से उपलब्ध कराने की बात कही है। लेकिन अब तक इसे उपलब्ध नहंी कराया गया है। जिस कारण डाक्टर अब पोस्टमार्टम करने से हिचकने लगे है। प्रकाश की व्यवस्था शून्य है। जबकि कई बार रात के वक्त भी पोस्टमार्टम करने का आदेश जिला प्रशासन का मिल जाता है। इस समय टार्च जलाकर पोस्टमार्टम किया जाता है। बरसात के अलावा अन्य दिनों में इस भवन के समीप जल जमाव रहता है। पोस्टमार्टम भवन तक पहुंचने के लिए कीचड़ और घास वाली जगह से गुजरना पड़ रहा है। कई बार डाक्टर व अन्य कर्मी आने-जाने के क्रम में घायल हो चुके हैं। पोस्टमार्टम भवन इतना छोटा है कि इसमें एक या दो से अधिक शव का पोस्टमार्टम करना संभव नहीं है। ऐसे में कभी-कभी संख्या अधिक होने की वजह से खुले आकाश के नीचे पोस्टमार्टम कार्य करना पड़ता है। बताते हैं कि नगर परिषद ने पोस्टमार्टम भवन निर्माण के लिए वर्ष 2008 में ही 4 लाख 85 हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन पोस्टमार्टम भवन का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो सका है।
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उपकरण आवश्यकता उपलब्ध
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स्पोट लाइट 2 0
लेंस 2 0
रबड़ सीट 5 0
ग्लोब्स 10 0
एपरोन 10 0
वजन मशीन 2 0
मोरचूअरी टेबल 2 1
मेजरिंग ग्लास 3 0
पीएम इक्यूपमेंट 4 1
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' पोस्टमार्टम भवन निर्माण में कार्रवाई की जायेगी। उपकरणों के संबंध में पड़ताल कर उचित व्यवस्था की जायेगी।'
' डा. अशोक वर्द्धन सहाय,
प्रभारी सिविल सर्जन,
समस्तीपुर'
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