फल के साथ कारगर औषधि भी है जामुन
दातारपुर बरसात का मौसम हो, काली घटाएं छाई हों और ऐसे में खाने को रसीले
सरोज बाला, दातारपुर
बरसात का मौसम हो, काली घटाएं छाई हों और ऐसे में खाने को रसीले जामुन मिल जाएं, तो क्या कहने। यह फल केवल मौसमी फल ही नहीं अपितु बहुत गुणकारी औषधि भी है। इस मौसम में हर जगह खासकर सड़कों के किनारे लगी जामुन के फलों की रेहड़ियां सभी के मनों को लुभाती हैं। लोग काले नीले और रसीले जामुन के फल बेचते दिखाई देते हैं। जामुन दवा के गुणों से भरपूर मौसमी फल है। आयुर्वेद के शास्त्रों में जामुन के कई गुणों का विश्लेषण किया गया है। इसके पत्ते, फल, छिलका और गुठलियां कई प्रकार के रोगों में इस्तेमाल की जाती हैं।
आयुर्वेद के जानकार एवं आरोग्य भारती के जिलाध्यक्ष वैद्यराज संजीव भारद्वाज ने बताया कि जामुन की सूखी गुठली और गुडमार बूटी तथा कैथी के दाने मिलाकर एक चम्मच सुबह और शाम शीतल जल के साथ लेने को मधुमेह रोगियों के लिए बहुत गुणकारी माना जाता है।
उन्होंने बताया कि कभी भी खाली पेट जामुन नहीं खाना चाहिए। हमेशा खाना खाने के बाद ही जामुन खाना चाहिए और जामुन खाने के बाद पानी भी नहीं पीना चाहिए। उन्होंने कहा जामुन नमक लगाकर खाने से यह ज्यादा स्वादिष्ट लगता है और शीघ्र ही पच भी जाता है।
उन्होनें बताया कई लोग घर में ही जामुन का सिरका बना लेते हैं। जो सलाद के साथ लेने से कई पेट के रोगों में फायदेमंद हैं। दस्त और पेचिश में जामुन के पत्तों को पीस कर नमक के साथ सेवन करने से बहुत फायदा होता है। जामुन और अमरूद के पत्ते मिलाकर दातुन करने से मुंह की दुर्गध नष्ट होती है और छाले भी ठीक होते हैं। इसके पेड़ की छाल का काढ़ा लेने से गर्भाशय के रोग ठीक होते हैं। उन्होंने बताया जामुन खून को साफ करती है और कई चर्म रोगों को दूर करती है। बरसात में जामुन के फल खाने चाहिए।
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