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    होशियारपुर में अतिक्रमण का कहर, दुकानदारों के 'रेहड़ी माफिया' से फुटपाथ हुआ गुम; क्या बोले मेयर?

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 06:35 PM (IST)

    होशियारपुर में अवैध कब्जों से शहरवासी परेशान हैं। दुकानदार रेहड़ी मालिकों से किराया वसूल रहे हैं, जिससे फुटपाथ गायब हो गए हैं। नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस की मिलीभगत से अतिक्रमण बढ़ रहा है। जालंधर रोड, बस स्टैंड जैसे इलाकों में हालात बदतर हैं। मेयर ने जल्द कार्रवाई का वादा किया है।

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    दुकानों के आगे रेहड़ी मालिकों से रेहड़ी लगाने का वसूलते हैं किराया (प्रतीकात्मक फोटो)

    संवाद सहयोगी, होशियारपुर। अवैध कब्जों से शहर का दम घूटने लगा गया है, शहर में जिस भी तरफ नजर दौड़ाएं अवैध कब्जा देखने को मिलेगा। हैरानी वाली बात तो यह है कि कुछ लोग यह अतिक्रमण करवाने के भी पैसे ले रहे हैं। शहर में ज्यादातर दुकानदारों ने अपनी दुकानों के आगे रेहड़ी मालिकों को रेहड़ी लगाने के लिए अड्डे दे रखे हैं और उन अड्डों के दुकानदार बकायदा पैसे वसूल रहे हैं।

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    जिस कारण शहर में राहगीरों के लिए बनाए गए फुटपाथ ही गायब हो चुके हैं क्योंकि अधिकतर फुटपाथ जो दुकानों के आगे हैं वहां दुकानदारों ने रेहड़ी वालों को किराए पर चढ़ाए हैं। वहीं दूसरी तरफ निगम चाहे समय-समय पर शहर में व्यवस्था कायम करने के दावे बड़े बड़े करे, पर जमीनी हकीकत किसी से छिपी नहीं है। जिस भी मार्केट या फिर सड़क पर जाओ तो आपको अतिक्रमण मिलेगा और यह ही सभी समस्याओं की जड़ है।

    चाहे ट्रैफिक समस्या हो या फिर कोई ओर। हालत बद से बदतर हैं और निगम चुप्पी साधे बैठा है। वहीं सबसे बुरा हार ट्रैफिक पुलिस का है क्योंकि ट्रैफिक पुलिस मिलीभगत के चलते इन पर ध्यान तक नहीं देती। सूत्रों को माने तो इसके पीछे जहां निगम का तहबाजारी विभाग जिम्मेदार है वहीं ट्रैफिक पुलिस का पूरा आशीर्वाद है। ट्रैफिक इंचार्ज चाह कर भी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे।

    शहर खास तौर पर यदि जालंधर रोड की बात की जाए और बस स्टैंड व बस्सी ख्वाजू की बात की जाए तो सबसे बुरे हाल इन इलाकों के हैं। यह सारा खेल नगर निगम जानते हुए भी नगर निगम केवल मूक दर्शक बनी हुई है। दुकानदार किसी अन्य रेहड़ी मालिक को अपनी दुकान के आगे रेहड़ी लगाने तो क्या रेहड़ी खड़ी करने तक नहीं देते और जिनके साथ उनका रेट तय है वह बड़े आराम से दुकानों के आगे रेहड़ी लगाते हैं और अपनी दुकानदारी चमकाते हैं।

    जानकारी अनुसार इन रेहड़ी मालिकों से दुकानदार दुकानों के आगे रेहड़ी लगाने का किराया वसूलते हैं और जो 6 हजार से 15 हजार रुपए तक है। जबकि कानूनन दुकानदार ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि जिस स्थान पर रेहड़ी लगाई जाती है वह सरकारी जमीन है और कुछ तो फुटपाथ। यदि प्रावधान की बात करें तो दुकानदार की दुकान के आगे चंद फीट ही जगह होती है।

    पर दुकानदारों की यह सोच है कि जो सड़क दुकान के आगे है वह उनकी जागीर है। वहीं यदि कोई दुकान के आगे एक साइकिल तक खड़ा कर दे तो उसकी खिंचाई करने में दुकानदार एक पल भी नहीं लगाते।  बता दें कि नगर निमग के मुलाजिम कार्रवाई के नाम पर चलते फिरते रेहड़ी मालिकों को परेशान करते हैं।

    लेकिन जो पक्के कब्जे किए बैठे हैं और दुकानदारों से जिनका सारा सिस्टम फिक्स है उनकी तरफ ध्यान नहीं जाता। हालात ऐसे बन चुके हैं कि दुकानदार और दुकानों के आगे पक्के तौर पर किराया देकर रेहड़ी लगाने वालों के कब्जे के कारण ऐसा लग रहा है कि जैसे सड़क किनारे बनाए फुटपाथ गुम हो गए हों।

    इस अतिक्रमण के कारण लोग फुटपाथ को छोड़कर सड़कों पर चलने के लिए मजबूर हैं। ऐसे हालात में हादसा होने का खतरा अधिक रहता है। वहीं इसी कारण शहर में हर रोज ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। यदि इनके अतिक्रमण पर थोड़ी ठोस कार्रवाई नगर निगम करे तो शहर की अन्य समस्याएं में से मुख्य ट्रैफिक जाम का पक्का हल हो सकता है लेकिन अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका। इसका खामियाजा आम जनता भुगतने को मजबूर है।

    वैसे तो शहर का कोई भी इलाका इस समस्या से अछूता नहीं है लेकिन फिर भी भंगी पुल, जालंधर रोड, बस स्टैंड रोड, रेलवे रोड, बस्सी ख्वाजू का इलाका, फगवाड़ा रोड, माल रोड पर हालात भयावह हैं। इन इलाकों में कुछ तो पक्के तौर पर कब्जे हैं और बाकी वैसे ही अतिक्रमण के शिकार हैं। यदि बात की जाए तो इन बाजारों में सबसे बुरा हाल जालंधर रोड़ का है। इस रोड पर अतिक्रमण के कारण अक्सर भीड़ भाड़ रहती है।

    खासकर सायं के समय तो इस रोड से निकलना मुश्किल हो जाता है। कारण है कि सबसे पहले तो रोड पर दुकानदार अपना सामान दुकान के बाहर रख खुद अतिक्रमण करते हैं वहीं दुकान के बाहर रेहड़ियां लगवा कर उनसे भी पैसे वसूलते हैं। कुछ दुकानदार डेली के हिसाब से पैसे लेते हैं और कुछ महीने के हिसाब से। यानी जमीन सरकारी है और पर लाभ दुकानदार उठा रहे हैं। जोकि सरासर गलत है।

    इस संबंध में मेयर सुरिदर कुमार छिदा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जल्द ही अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अतिक्रमण करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। लोगों ने कब्जाधारियों से अपील की वह खुद कब्जा हटा दें नहीं तो आने वाले दिनों में हालात और भी गंभीर होगें।