गुरु से ही जीवन में सुख मिलता है : आचार्य चंद्रमोहन
जीवन में गुरु की काफी आवश्यकता होती है। गुरु के बिना गति नहीं है। गुरु से जीवन में सुख हासिल किया जा सकता है। यह विचार योग साधन आश्रम में रविवार को सत्संग के दौरान आचार्य चंद्र मोहन अरोड़ा ने रखे।

संवाद सहयोगी, होशियारपुर : जीवन में गुरु की काफी आवश्यकता होती है। गुरु के बिना गति नहीं है। गुरु से जीवन में सुख हासिल किया जा सकता है। यह विचार योग साधन आश्रम में रविवार को सत्संग के दौरान आचार्य चंद्र मोहन अरोड़ा ने रखे। उन्होंने कहा कि संसार में सभी सुख चाहते हैं, कोई भी दुखी नहीं रहना चाहता, परंतु गुरु वाले भी सुखी नहीं रहते। क्योंकि वह उस राह पर नहीं चलते जो गुरु दिखाता है। सुखी रहने के लिए कर्म करना पड़ता है। दुख तीन प्रकार के होते हैं। आध्यात्मिक दुख आत्मा का दुख होता है। मन के दुखों से बचने का रास्ता संतोष है। ऋषि कहते हैं कि आने वाले दुखों को रोका जा सकता है।
सारा विश्व भगवान का रूप ही है : बाबा राम दास संवाद सहयोगी, दातारपुर : उदासीन आश्रम ढाडे कटवाल में बाबा राम दास ने कहा, विद्वान व बुद्धिमान लोग ज्ञान, चितन-मनन और अनुभव से यह जानते हैं कि हर पदार्थ में परमात्मा हैं। वही संपूर्ण जगत को आश्रय देता है। उससे सारी सृष्टि प्रकट होती है। सभी प्राणी उससे पैदा होते हैं और प्रलयकाल में उसी में विलीन हो जाते हैं। सभी लोग मानते हैं कि कोई शक्ति है जो सारे संसार व लाखों-करोड़ों ब्रह्मांडों को निश्चित गति से चलाती है। परमात्मा ब्रह्मांड में व्याप्त है, यह सारा विश्व उसका ही रूप है। भगवान की हर जगह उपस्थिति को स्वीकार कर लेने से मनुष्य का आत्मबल बढ़ता है। हर समय एक शक्तिशाली, समर्थ संरक्षक के सानिध्य में रहने से प्रतिभा, क्षमता में वृद्धि होती है।
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