रात दस बजे के बाद ध्वनि प्रदूषण करने वालों पर मामला दर्ज करने के आदेश
डीसी अपनीत रियात ने रात दस बजे के बाद डीजे चलाने ध्वनि प्रदूषण करने वाले यंत्रों किसी तरह के अन्य ध्वनि प्रदूषण शोर धमक पैदा करने वाले यंत्रों सहित आतिशबाजी करने पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है।

जागरण टीम, होशियारपुर : डीसी अपनीत रियात ने सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया के निर्देशानुसार जिले में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए फौजदारी संहिता 1973 (1973 एक्ट नंबर 2) की धारा 144 के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किए हैं। जारी आदेश में डीसी अपनीत रियात ने रात दस बजे के बाद डीजे चलाने, ध्वनि प्रदूषण करने वाले यंत्रों, किसी तरह के अन्य ध्वनि प्रदूषण, शोर, धमक पैदा करने वाले यंत्रों सहित आतिशबाजी करने पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है। पाबंदी केवल रंग पैदा करने वाले पटाखों व फुलझड़ियों पर लागू नहीं होगी। डीसी ने एक्सियन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व पुलिस को हिदायत देते हुए इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ धारा 144 के तहत मामला दर्ज करने तथा रात दस बजे के बाद फील्ड में जांच कर उक्त आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिस होटल, रेस्टोरेंट या संस्थान में ध्वनि प्रदूषण जैसी कार्रवाई पाई गई, उनके आयोजक के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। साथ ही संबंधित संस्थान को एक वर्ष के लिए सील भी किया जा सकता है। इसके अलावा डीजे भी जब्त कर लिया जाएगा। अगर किसी को ध्वनि प्रदूषण संबंधी कोई समस्या आती है, तो वे पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 100 या 112 पर भी शिकायत दर्ज करवा सकता है। इसी तरह गाड़ियों में किसी तरह का प्रेशर हार्न, अलग- अलग संगीत वाले व किसी तरह का ध्वनि प्रदूषण, शोर, धमक, ज्यादा आवाज पैदा करने वाले हार्न को बजाने पर भी पूर्ण तौर पर पाबंदी होगी। सिर्फ सरकार की ओर से निर्धारित किए गए हार्न जो ध्वनि प्रदूषण से रहित हो, निर्धारित आवाज में बजाए जा सकते हैं। किसी भी गैर सरकारी इमारत, व्यापारिक दुकानों, सार्वजनिक स्थानों, सिनेमा, माल, होटल, रेस्टोरेंट व मेलों आदि में ऊंची आवाज व धमक पैदा करने वाले म्यूजिक व अश्लील गीत चलाए जाने पर भी पूर्ण तौर पर पाबंदी है। साइलेंस जोन जैसे कि मंत्रालय, वन, अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, अदालतों, धार्मिक संस्थाएं या कोई भी क्षेत्र जो कि समर्थ अधिकारी की ओर से साइलेंस जोन घोषित किया गया हो, के 100 मीटर के घेरे में आतिशबाजी, पटाखें, लाउडस्पीकर, प्रेशर हार्न व अन्य शोर पैदा करने वाले यंत्र चलाने व लगाने पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई है। विशेष स्थिति व मौके पर धार्मिक स्थानों, पंडालों में लाउडस्पीकर व अधिकृत मैरिज पैलेसों में डीजे या आरकेस्ट्रा चलाने के लिए संबंधित उप मंडल मजिस्ट्रेट से लिखित मंजूरी लेनी होगी। उप मंडल मजिस्ट्रेट से जरुरी मंजूरी लेने के बाद भी माननीय सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार किसी की ओर से भी किसी भी स्थान पर चलाए जा रहे लाउडस्पीकरों, डीजे, संगीत यंत्र, एड्रेस सिस्टम आदि की ध्वनि स्टैंडर्ड सीमा निश्चित की गई है। जिसके अंतर्गत औद्योगिक संस्थानों में दिन के समय 75 डीबी(ए) व रात के समय 70 डीबी(ए), व्यापारिक क्षेत्र में दिन के समय 65 डीबी व रात के समय 55 डीबी, रिहायशी क्षेत्र में दिन के समय 55 डीबी व रात के समय 45 डीबी व साइलेंस जोन में दिन के समय 50 डीबी(ए) व रात के समय 40 डीबी(ए) से अधिक नहीं होनी चाहिए। उक्त आदेश सरकारी मशीनरी व इमरजेंसी की स्थिति में लागू नहीं होंगे।
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