गोशाला बाजार में यातायात जाम का कारण बन रहे हैं क ामर्शियल वाहन
समस्या कोई भी हो जब तक उसका ग्राउंड लेवल पर हल नहीं होता तब तक वह समस्या ही रहेगी। शहर व शहर वासियों के लिए नासूर बन चुकी ऐसी ही समस्या है ट्रैफिक जाम ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : समस्या कोई भी हो जब तक उसका ग्राउंड लेवल पर हल नहीं होता तब तक वह समस्या ही रहेगी। शहर व शहर वासियों के लिए नासूर बन चुकी ऐसी ही समस्या है ट्रैफिक जाम। ट्रैफिक व्यवस्था का हल नहीं हो रहा। सबसे बदतर हालात गोशाला बाजार के हैं जहां पर दिन में कामर्शियल वाहन आते हैं और आराम से सारा दिन लोडिग अनलोडिग का काम चलता है। इसी चक्कर में जाम की स्थिति बन जाती है और लोग परेशानी झेलते हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने सुबह आठ से शाम आठ तक शहर में बड़े कामर्शियल वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई है। लेकिन गोशाला बाजार में सारा दिन यह नियम टूटते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि कुछ दूरी पर ही पुलिस का पक्का नाका है। पुलिस मुलाजिमों ने आज तक नियमों का पालन करवाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। अगर अभी से पुलिस गहरी नींद को त्याग दे तो आगे से इस प्रकार को दिक्कत नहीं आएगी इसलिए पुलिस को अपना काम ईमानदारी के साथ करना होगा।
सारा दिन लगा रहता है जाम
गोशाला बाजार में सभी थोक की दुकानें हैं और सारा दिन यहां से हिमाचल व अन्य इलाकों में खाद्य सामान सप्लाई होता है। इसी चक्कर में वाहनों में लोडिंग व अनलोडिंग चलती है। कुछ दी दूरी पर पुलिस नाके पर तैनात मुलाजिम मूकदर्शक बने रहते हैं। इसी कारण हर रोज गाोशाला बाजार में ट्रैफिक जाम लगता है और दिक्कत आमजन को झेलनी पड़ रही है। यह कहना गलत नहीं है कि नियम केवल लोक दिखावे के लिए बनाए जाते हैं।
फेल हो जाती है सारी प्लानिग
वैसे तो सुबह आठ से शाम आठ बजे तक बड़े वाहनों को शहर में घुसने से रोकने के लिए प्रशासन ने पूरी रोक लगाई है। लेकिन इसके उल्ट यह प्लानिग भंगी चोअ के पास फेल हो जाती है। इसके लिए प्रबंध पूरे किए गए हैं। बाजार में बड़े वाहन दाखिल न हो, इसके लिए नाका लगाया गया था, पर इन वाहनों के आते ही बेरिकेट हट जाते हैं यानी यह केवल आम जनता के लिए हैं। नाके पर तैनात मुलाजिम खुद इसे हटाते हैं ताकि वाहन चालक को किसी प्रकार की परेशानी न हो। समस्या का होगा जल्द हल : ट्रैफिक इंचार्ज
इस संबंध में ट्रैफिक इंचार्ज इंस्पेक्टर बलविदर सिंह जोड़ा ने कहा कि जल्द समस्या का हल किया जाएगा। किसी भी बड़े वाहन को बाजार में घुसने नहीं दिया जाएगा। बेरिकेट हटाने के मामले में कहा कि जब मंडी की तरफ से कोई वाहन आता है तब ही मजबूरी में यह हटाए जाते हैं लेकिन इसके लिए कोई प्लानिग की जाएगी ताकि समस्या का हल जड़ से हो सके।

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