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    गढ़शकर के व्यापारी नरेश खन्ना ने इंडिया गेट, नई दिल्ली के निकट की खुदकुशी

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 04 Feb 2022 11:22 PM (IST)

    गढ़शकर के व्यापारी नरेश कुमार खन्ना ने बीते दिनों दिल्ली में इंडिया गेट के निकट खुदकुशी कर ली।

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    गढ़शकर के व्यापारी नरेश खन्ना ने इंडिया गेट, नई दिल्ली के निकट की खुदकुशी

    संवाद सहयोगी, गढ़शकर : गढ़शकर के व्यापारी नरेश कुमार खन्ना ने बीते दिनों दिल्ली में इंडिया गेट के निकट खुदकुशी कर ली। उनके पास से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखा सुसाइड नोट मिला है। उन्होंने अपने तीन भतीजों पर रेलवे की जमीन पर कब्जा कर उसे बेचने व 41 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने सुसाइड नोट में तीनों के खिलाफ मामला दर्ज करने और 41 लाख रुपये की वसूली करने की माग की। नोट में उन्होंने साफ लिखा है कि, न तो मैं पागल हूं और न कभी पागलपन का इलाज करवाया है। मैंने ये सुसाइड नोट पूरे होशो हवाश में लिखा है।

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    उन्होंने लिखा कि मैं अपने भतीजे की दुकान खन्ना शाप फैक्ट्री से चाय पत्ती लेने के लिए 31 जनवरी, 2019 में गया था। वहा पर एक भाई के दो पुत्र तो दूसरे भाई का एक पुत्र बैठे बातें कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नवाशहर रोड पर उनकी आठ मरले की जमीन है। जिसमें तीन दुकानें है। पूछने पर उन्होंने बताया कि इस जमीन को लेकर किसी प्रकार का विवाद नहीं है और हमारा 41 लाख में सौदा भी तय हो गया है। इसके बाद मैने 25 लाख 90 हजार अपने एसबीआइ बैंक के खाते से खन्ना सोप फैक्ट्री के खाते तीन मई, 21 दिसंबर 2019 तथा 31 जनवरी 2020 को ट्रांसफर किए। इसके बाद मैने उन्हें रजिस्ट्री करने को कहा तो तीनों कहने लगे पिता के नाम से आप के नाम जमीन ट्रांसफर करवा देंगे इससे आपके पैसे बच जाएंगे। मैने उनसे कहा कि तीनों दुकान तो आपके जीजा के नाम है। इस पर उन्होंने कहा कि जीजा से दीदी के नाम और दीदी से पिता के नाम करवाने के बाद हम दोनों भाई अपने पिता के नाम ट्रांसफर करवा देंगे। उसके बाद पिता से आपके नाम करवा देंगे। इसके बाद मैंने 41 लाख कैश तीनों को दे दिए। फिर मेरे भाई रमेश कुमार खन्ना ने जमीन की रजिस्ट्री मेरे नाम करवा दी और मेरे खाते में पहले खन्ना सोप फैक्ट्री के खाते में ट्रासफर करवाए। इसके करीव चार महीने पहले भतीजों से खरीदी जमीन के बारे में रेलवे कर्मचारियों ने बताया कि यह जमीन तो रेलवे की है। इस पर मैंने आरटीआइ डाली। जिससे पता लगा कि मेरे साथ धोखा हो गया है। अपने भाई रमेश कुमार खन्ना के पास गया और कहा कि रजिस्ट्री वापस करवा लो और मेरे 41 लाख वापस दे दो। इस पर तीनों भतीजों ने बदतमीजी व हाथापाई कर मारने की धमकी दी। इसी के कारण मैं आत्महत्या करने को मजबूर हुआ।

    छह लाख मंदिरों में दान देने की बात कही

    उन्होंने 41 लाख रुपये में से दो लाख श्री राम मंदिर अयोध्या को, एक लाख काली माता मंदिर रामपुर को, एक लाख रुपये श्री वैष्णों देवी मंदिर दीप कालोनी गढ़शकर को, एक लाख शमशान घाट गढ़शकर को तथा 35 लाख उनके पुत्र गौरव खन्ना को देने के लिए लिखा है।