Move to Jagran APP

गणेश जी के 12 नाम हैं कल्याणकारी

होशियारपुर, श्री गणेशजी में माया और मायिक का योग होने से वे एकदंत कहलाते हैं। उन्होंने कहा गणेशजी का तीसरा नाम कपिल है। कपिल का अर्थ गोरा, ताम्रवर्ण, मटमैला होता है। गणेशजी विघ्न दूर करते हैं और दिव्य भावों द्वारा त्रिविध ताप का नाश करते हैं। गणेशजी का चौथा नाम गजकर्ण है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 04:58 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 04:58 PM (IST)
गणेश जी के 12 नाम हैं कल्याणकारी
गणेश जी के 12 नाम हैं कल्याणकारी

संवाद सहयोगी, दातारपुर

loksabha election banner

शुभ कार्य चाहे कोई भी हो। उससे पूर्व गणपति का पूजन भारतीय परंपरा की खासियत है। गणेश जी को अनेक नामों से पूजा जाता है। प्रत्येक मांगलिक कार्य तथा विधि-विधान उन्हीं के पावन स्मरण, आह्वान तथा पूजा-अर्चना से शुरू होता है। गजानन चौक दातारपुर में धर्म चर्चा करते हुए गणेशोत्सव कमेटी के प्रधान बौबी कौशल ने कहा कि गणेजश जी के 12 नाम हैं, जिनके स्मरण मात्र से मनुष्य के समस्त कष्टों का नाश होता है।

उन्होंने कहा गणेश जी का मुख प्रति पल देखने पर नया ही लगता है। साथ ही भोलेनाथ शंभु को कर्पूरगौर अर्थात कपूर गौर वर्णवाला कहा जाता है। साथ ही इनके मुंह की संपूर्ण शोभा का आकलन करते हुए इन्हें मंगल के प्रतीक के रूप में माना गया है और इसलिए इन्हें सुमुख के रूप में संबोधित किया जाता है। कौशल ने कहा जब तक गणेश जी के मुंह में दो दांत थे, तब तक उनके मन में द्वैतभाव था, परंतु एक दांतवाला हो जाने के बाद वे अद्वैत भाव वाले बन गए। एक शब्द माया का बोधक है और दांत शब्द मायिक का बोधक है। श्री गणेश जी में माया और मायिक का योग होने से वे एकदंत कहलाते हैं। उन्होंने कहा गणेश जी का तीसरा नाम कपिल है। कपिल का अर्थ गोरा, ताम्रवर्ण, मटमैला होता है। गणेश जी विघ्न दूर करते हैं और दिव्य भावों द्वारा त्रिविध ताप का नाश करते हैं।

गणेश जी का चौथा नाम गजकर्ण है। हाथी का कान सूप जैसा मोटा होता है। गणेश जी को बुद्धि का अनुष्ठाता देव माना गया है। गणनाथ जी का पांचवां नाम लंबोदर है। भगवान शंकर के द्वारा बजाए गए डमरू की आवाज के आधार पर गणेश जी ने संपूर्ण वेदों का ज्ञान प्राप्त किया। माता पार्वती जी के पैर की पायल की आवाज से संगीत का ज्ञान प्राप्त किया। शंकर का तांडव नृत्य देख कर नृत्य विद्या का अध्ययन किया।

बॉबी कौशल ने बताया गणेश जी का छठा नाम विकट है। विकट अर्थात भयंकर। गणेश जी का धड़ मनुष्य का है और मस्तक हाथी का है। श्री गणेश अपने नाम को सार्थक बनाने के लिए समस्त विघ्नों को दूर करने के लिए विघ्नों के मार्ग में विकट स्वरूप धारण करके खड़े हो जाते हैं। श्री गणेश जी का सातवां नाम विघ्ननाशक है। वास्तव में भगवान गणेश समस्त विघ्नों के विनाशक हैं और इसलिए किसी भी कार्य के आरंभ में गणेश पूजा अनिवार्य मानी गई है।

उन्होंने कहा गणेश जी का आठवां नाम विनायक है। इस का अर्थ होता है विशिष्ट नेता। गणेश जी में मुक्ति प्रदान करने की क्षमता है। गणेश जी तो भक्ति और मुक्ति के दाता माने जाते हैं। गणेश जी का नौवां नाम धूमकेतु है। इस का सामान्य अर्थ धुंधले रंग की ध्वजा वाला होता है। मनुष्य के आध्यात्मिक और आदि भौतिक मार्ग में आने वाले विघ्नों को अग्नि की तरह भस्मिभूत करने वाले गणेश जी का धूमकेतु नाम यथार्थ लगता है। गणेश जी का दसवां नाम गणाध्यक्ष है। गणपति जी दुनिया के पदार्थ मात्र के स्वामी हैं। साथ ही गणों के स्वामी तो गणेश जी ही हैं। इसलिए इनका नाम गणाध्यक्ष है।

उन्होंने कहा गणेश जी का 11वां नाम भालचंद्र है। गजानन जी अपने ललाट पर चंद्र को धारण करके उसकी शीतल और निर्मल तेज प्रभा द्वारा दुनिया के सभी जीवों को आच्छादित करते हैं। साथ ही ऐसा भाव भी निकलता है कि व्यक्ति का मस्तक जितना शांत होगा, उतनी कुशलता से वह अपना कर्तव्य निभा सकेगा। गणेशजी गणों के पति हैं। इसलिए अपने ललाट पर सुधाकर हिमांशु चंद्र को धारण करके अपने मस्तक को अतिशय शांत बनाने की आवश्यकता प्रत्येक व्यक्ति को समझाते हैं। गणेश जी का बारहवां नाम गजानन है। गजानन अर्थात हाथी के मुंह वाला। हाथी की जीभ अन्य प्राणियों से अनोखी होती है। मनुष्य के लिए यह सही है। अच्छी वाणी उसे चढ़ाती है और खराब वाणी उसे गिराती है। मगर, हाथी की जीभ तो बाहर निकलती ही नहीं। यह तो अंदर के भाग में है। अर्थात इसे वाणी के अनर्थ का भय नहीं है। उन्होंने कहा गणेश जी की स्तुति हर तरह से भक्तों की विघ्न दूर करने वाली और सुख संपत्ति को देने वाली है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.