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    बॉटम-बाबा लाल दयाल ने योग शक्ति से प्राप्त की थी 300 साल की आयु

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    Updated: Fri, 31 Jan 2014 06:02 PM (IST)

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    सरोज बाला, दातारपुर

    बावा लाल दयाल महाराज का जन्म पिता भोलामल के घर संवत 1412 (1355) में माघ शुक्ल द्वितीय को कस्बा कसूर पाकिस्तान में हुआ था। 22 गद्दियों की स्थापना कर योगशक्ति द्वारा 300 साल की आयु प्राप्त करने वाले योगीराज बावा लाल दयाल जी ने विक्रम संवत 1712 रामपुर हलेड़ आश्रम में शरीर का त्याग किया था। उनके अंतिम वचन थे-योग युग्त कर राखि वेहि फिर भी वस्तु पराई रहि। दातारपुर-रामपुर-हरिद्वार के पीठाधीश्वर महंत 1008 रमेश दास शास्त्री जी ने बताया कि ढाका यूनिवर्सिटी के पूर्व उपकुलपति डॉ. एचआर मजूमदार की पुस्तक दारा शिकोह के अनुसार बाबा लाल जी क्षत्रीय थे और उनका जन्म जहांगीर के शासन काल में हुआ था। इसी तरह जेम्स हेस्टिंग्ज ने अपनी किताब कोर्ट पेंटर्स आफ 1832 में उनकी 300 साल की आयु पर प्रकाश डाला है। बताया कि बाबा लाल जी की 22 गद्दियों में काबुल, कंधार तथा गजनी अफगानिस्तान में व चार पाकिस्तान में है। इसी बीच औरंगजेब का भाई दारा शिकोह बावा लाल जी के उपदेशों से प्रभावित होकर उनका शिष्य बन गया था। बावा जी के गुरु का नाम चेतन स्वामी था। बावा जी अपनी तपस्थली सहारनपुर से प्रतिदिन हरिद्वार का 50 किलोमीटर का सफर कर गंगा स्नान करने जाते थे। उनका उपदेश था कि हे मानव यदि तू मन के गुल (फूल) का चिंतन करेगा तो तू गुल बन जाएगा। यदि तेरे तन में व्याकुल बुलबुल का ख्याल घर किए बैठा है तो तू बुलबुल बन जाएगा। तू अंश है और ब्रह्मपुरुष है यादि तू कुछ दिन तक कुल अर्थात (ब्रह्म) का ध्यान करेगा तो तू भी ब्रह्म बन जाएगा। महंत जी ने बताया कि बाबा लाल दयाल जी ने हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव मिटाकर एक ही सच्चे भगवान की भक्ति करने का उपदेश देते हुए कहा कि खुदा और परमात्मा एक ही है। लाल हिंदू दावा वेद का, तुर्क कुतेन कुरान। दोनों दावे बांधियों भूले आत्मज्ञान। बावा लाल दयाल जी का जन्मोत्सव 1 फरवरी को महंत 1008 रमेश दास जी की अध्यक्षता में दातारपुर के धाम में मनाया जा रहा है।

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    बाबा जी की जयंती पर जुटेंगे हजारों

    दातारपुर : बावा लाल दयाल जी की 659वीं जयंती पर 1 फरवरी तो बाबा लाल दयाल आश्रम, दातारपुर, में समारोह आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी आश्रम के प्रवक्ता सतपाल शास्त्री ने दी। उन्होंने बताया कि महामंडलेश्वर 1008 महंत रमेश दास जी की अध्यक्षता में सुबह 10 बजे मानस पाठ का भोग डाला जाएगा।

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