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    ड्रैगन डोर में फंसा जिंदगी का पेच

    By Edited By:
    Updated: Sat, 11 Jan 2014 05:12 PM (IST)

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    फोटो-20 में है।

    नहीं चाहिए ड्रैगन डोर-1

    -पाबंदी के बावजूद दुकानदारों ने किया है चाइनीज डोर का भंडारण

    -समय पर कार्रवाई न हुई तो लोगों को करेगी लहूलुहान

    हजारी लाल, होशियारपुर

    अकड़ रखने वाली ड्रैगन डोर (चाइनीज डोर) इंसानी जिंदगी पर भारी पड़ रही है। पतंगबाजी के दौरान आसमान में पेच लगाते वक्त यह डोर किसी की भी जिंदगी पर पेच मार देती है। मगर पाबंदी के बावजूद कुछ दुकानदार ड्रैगन डोर बेचकर पैसा बनाने में जुटे हैं।

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    पिछले साल लोहड़ी से पहले उड़मुड़ में एक दस वर्षीय बच्चा ड्रैगन डोर का शिकार हो गया था। उस दिन रविवार का दिन था। स्कूल में छुंट्टी होने का आनंद कुछ बच्चे पतंगबाजी कर ले रहे थे। उड़मुड़ में शाम चार बजे के करीब ठाकुरद्वारा मंदिर के सामने बनी दुकान की छत पर चढ़कर कुछ बच्चे पतंगबाजी कर रहे थे। इसी दौरान एक पतंग टूट कर हाई वोल्टेज तारों में फंस गई।

    डोर खींच कर पतंग को नीचे उतारने की कोशिश की गई। मगर डोर इतनी मजबूत थी कि टूटने का नाम नहीं ले रही थी। पतंग उतारने 10 साल के बलविंदर सिंह निवासी महावीर गली खंबे पर से पतंग उतारने में जुट गया। इसी बीच जोरदार करंट लगने से वह छत से नीचे जा गिरा। गंभीर अवस्था में बच्चे को निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया, जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। यानी ड्रैगन डोर की मजबूती एक बच्चे की जान ले ली। यह कोई अकेली घटना नहीं है।

    पिछले साल ही नसराला इलाके में राम किशन नाम का व्यक्ति मुहल्ला कमालपुर से गुजर रहा था। इस दौरान ड्रैगन डोर ने उसकी नाक को अपनी चपेट में ले लिया। कुछ समझने से पहली ही डोर ने उसे लहूलुहान कर दिया था। स्कूटर में ब्रेक लगाकर वह किसी तरह बचा वरना जख्म और ज्यादा हो सकते थे। बाद में आसपास के लोगों ने मरहम पंट्टी करवाकर उसे रवाना किया था। अब तक न जाने कितने लोग ड्रैगन डोर का दंश झेल चुके हैं। हालांकि तमाम घटनाओं के बाद अब डीसी तनु कश्यप ने ड्रैगन डोर पर पाबंदी लगा दी है।

    लोहड़ी के नजदीक आते ही ड्रैगन डोर का भंडारण कुछ पतंग बिक्रेताओं ने शुरू कर दिया है। समय पर कार्रवाई न हुई तो यह डोर एक बार फिर राहगीरों को लहूलुहान करेगी।

    बॉक्स-क्या है विदेशी-देशी पतंग व डोर में अंतर

    भारतीय पतंग व डोर कागज और सूत की बनी होती है। इसके इतर चाइनीज पतंग और डोर प्लास्टिक की बनीं होती हैं और सस्ती होती है। यह टूटती नहीं। यह बेहद घातक है। गले या अंगुली में फंसने पर जख्मी कर देती है। मजबूत होने की वजह से पतंगबाजी के शौकीन चाइनीज पतंग और डोर को तवज्जो देते हैं।

    अमृतसरी, बरेली, पंजरंगी, हुजका, चरखड़ी और जालंधरी डोर दमदार होती है, लेकिन थोड़ी महंगी होती है। चाइनीज डोर सस्ती होने से युवा इसे ही खरीदने को तरजीह देते हैं। ड्रैगन डोर का खतरनाक खेल 120 रुपए से ही शुरू हो जाता है।

    ड्रैगन डोर बेचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा: डीसी

    डीसी तनु कश्यप ने कहा कि चाइनीज डोर पर पाबंदी लगा दी गई है। इस पर कार्रवाई के लिए इलाके के एसडीएम और ईओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बेचनेवालों को बख्शा नहीं जाएगा। छापामारी करके इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    स्क्रीन बॉक्स

    ड्रैगन डोर के बारे में दे जानकारी

    दैनिक जागरण ने शुरू से ही चाइनीज डोर के खिलाफ मुहिम छेड़ी हुई है।

    लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने के खिलाफ लोगों को ड्रैगन डोर के बारे में जागरूक किया जा रहा है। पाबंदी के बावजूद स्टोरेज की गई चाइनीज डोर का भंडाफोड़ किया जाएगा। साथ ही प्रशासन को झकझोर कर उसे कार्रवाई के लिए मजबूर भी किया जाएगा। आप भी इस मुहिम में का हिस्सा बन सकते हैं। अपनी राय दे सकते हैं। कहीं भी ड्रैगन का भंडारण किया गया है या फिर बेची जा रही है, तो बेझिझक हमें इसकी सूचना दे सकते हैं। इसके लिए मोबाइल नंबर 82880-48410 पर संपर्क करें।

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