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    Rahul Gandhi Punjab Visit: राहुल गांधी को गांव में जाने से क्यों रोका? बाजवा ने DGP तो रंधावा ने DIG को लगाया फोन

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 10:14 PM (IST)

    रावी नदी पार करने को लेकर विवाद के बीच राहुल गांधी के बाढ़ग्रस्त इलाकों के दौरे को पुलिस द्वारा रोकने पर विपक्ष ने सरकार की आलोचना की। प्रताप सिंह बाजवा ने डीजीपी से बात की जबकि सुखजिंदर रंधावा ने भी हस्तक्षेप किया। अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि राहुल गांधी को पाकिस्तान से खतरा बताया गया जबकि चरणजीत सिंह चन्नी ने सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया।

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    राहुल गांधी को गांव में जाने से रोकने पर भड़के राहुल गांधी। फोटो जागरण

    सुनील थानेवालिया, गुरदासपुर। रावी दरिया के पार जाने को लेकर जब मकौड़ा पत्तन में बहस थमने का नाम नहीं ले रही थी तो विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने डीजीपी गौरव यादव को फोन करके बताया कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं और उनका एक अहम स्थान है। वह संकट से घिरे पंजाब के लोगों का दुख-दर्द जानने आए हैं इसलिए उन्हें बिना वजह रोका जा रहा है।

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    सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने डीआइजी अमृतसर नानक सिंह को फोन करके उनसे बात की। रंधावा ने कहा कि वह डेरा बाबा नानक में पाकिस्तान की नंगली पोस्ट तक जाकर आए हैं जो बार्डर से आधा किलोमीटर दूर है। वहां जाने से तो किसी ने नहीं रोका, लेकिन यह बात समझ से परे है कि राहुल को वहां जाने से क्यों रोका जा रहा है। पंजाब व केंद्र सरकार को इसका जवाब देना होगा।

    पंजाब सरकार ने बांधों से एकदम से पानी छोड़ दिया जिसके चलते ऐसे हालात पैदा हुए। बसंतर व रणजीत सागर डैम से एक साथ पानी छोड़ने की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रणजीत सागर डैम के चीफ इंजीनियर व सिंचाई सचिव दोनों पर केस दर्ज होना चाहिए। इन दोनों अफसरों के कारण पंजाब बर्बाद हुआ।

    उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के मकौड़ा पत्तन पहुंचने के बाद नावें भी दूसरी ओर ले जाई गईं। डेरा बाबा नानक से बार्डर आधा किलोमीटर और यहां से 8 किलोमीटर दूर है। ऐसे में राहुल गांधी को दरिया पार के गांवों में जाने से रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है। अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि राहुल गांधी दरिया पार बसे गांवों के लोगों से मिलना चाहते थे लेकिन उन्हें यह कहा गया कि उन्हें उस पार पाकिस्तान से खतरा है।

    यदि राहुल गांधी को हिंदोस्तान में पाकिस्तान से खतरा है तो कहां जाएं। उन्होंने कहा कि इससे पहले किसी ने भी उन गांवों में जाना उचित नहीं समझा। अब राहुल गांधी वहां जाना चाहते थे तो उन्हें रोक दिया गया क्योंकि गृहमंत्री अमित शाह व सीएम भगवंत सिंह मान यह नहीं चाहते कि वह उन लोगों से मिलने जाएं। पुलिस ने जानबूझकर दरिया में पानी का बहाना बनाकर उन्हें रोक दिया।

    यदि सरकार का मानना है कि दरिया पार पाकिस्तान का खतरा है तो क्या दरिया पार बसे सात गांवों के पांच हजार लोगों को कोई खतरा नहीं है? उन्होंने कहा कि यदि बार्डर के इस पार भी हम सुरक्षित नहीं हैं तो फिर देश का कोई व्यक्ति सुरक्षित नहीं है। पूर्व सीएम व सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि राहुल गांधी बाढ़ प्रभावित लोगों की समस्याएं जानने पहुंचे लेकिन उन्हें आश्चर्य है कि पंजाब सरकार ने पुलिस तैनात करके राहुल गांधी को दरिया पार करने से रोका दिया। उन्हें कहा गया कि आगे बार्डर है।

    उन्होंने कहा कि दरिया पार हमारे अपने लोग रहते हैं, हम वहां का हाल जानने जा रहे हैं लेकिन हमें लोगों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पंजाब सरकार की गलत बात है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में लगातार अवैध खनन हुआ है जिसके कारण प्रदेश में बाढ़ आई है। पंजाब सरकार ने समय पर बांधों से पानी नहीं छोड़ा जिसके कारण बांध भर गए और अचानक पानी छोड़ना पड़ा। इसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है। पंजाब सरकार ने खुद ये हालात पैदा किए हैं। सरकार के कुप्रबंधन के कारण बाढ़ आई है।

    राहुल के लिए तैयार रखी तीन नांवों पुलिस ने जब्त कीं कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व को एक दिन पहले ही इस बात की भनक लग गई थी कि राहुल गांधी को रावी दरिया पार नहीं करने दिया जाएगा। इसे देखते हुए कांग्रेस नेताओं ने पहले से ही गुपचुप तरीके से तीन नावें मंगवाकर अपने एक सरपंच के घर पर रखवा दी थीं। जिला प्रशासन को भी इन नावों की भनक लग गई और उन्होंने राहुल गांधी के पहुंचने से पहले ही इन नावों को अपने कब्जे में ले लिया।

    पांच साल के बच्चे को राहुल गांधी ने चॉकलेट और टॉफियां दी

    नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सोमवार को रमदास के बाढ़ प्रभावित गांवों घोनेवाल और माछीवाल में पहुंचे। यहां पर 45 मिनट में राहुल गांधी ने सात बाढ़ प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। राहुल ने सबसे अधिक 21 मिनट एक मुस्लिम परिवार के घर गुजारे। वहां गांव वालों व पीड़ित परिवार से बाढ़ के हालात की जानकारी ली। राहुल ने सुबह 10:40 बजे से लेकर 11:25 बजे तक का समय बाढ़ प्रभावित घरों के हालात जानने के लिए बिताया।

    इसके बाद गुरुद्वारा बीड़ बाबा बुड्ढा साहिब में माथा टेककर डेरा बाबा नानक की तरफ रवाना हो गए। राहुल सबसे पहले घोनेवाल के रहने वाले दंपती बलबीर चंद व हरजिंदर कौर से मिले। उन्होंने बताया कि उनके नौ बच्चे पूरे हो चुके हैं। वहीं बाढ़ में उनका घर बह गया, बाकि अब केवल कभी भी गिर सकने वाला ढांचा ही बचा है। वे लोग अब रमदास में किराये के घर में रह रहे हैं। बलबीर ने बताया कि वह नहरी विभाग में नौकरी करता है।

    राहुल ने दंपती को हौसला दिया और इसके बाद साथ लगते घर पहुंचे। वहां घर में रहने वाले मुस्लिम परिवार फाइस उसकी पत्नी सकीना बेगम, बेटों अब्दुल और मोहम्मद सलीम से मिले। यहां पर राहुल ने परिवार वालों के साथ बैठकर वहां मौजूद लोगों को माइक देकर उनकी मुश्किलें सुनीं। फाइस व उसके परिवार ने बताया कि छह महीने पहले ही नया घर बनाया था।

    बाढ़ के कारण उसके नए घर की नींव बैठने से चारों कमरे गिरने की कगार पर पहुंच चुके हैं। वहीं, दो पुराने कमरे, मोटरसाइकिल, पेटी, चार तोले सोना बाढ़ में बह गया। उन्हें पांच दिन तक किसी के घर में रहना पड़ा। वहीं, अब भी वह तिरपाल डालकर घर के बाहर बरामदे में सो रहे हैं। उनका मकान किसी भी वक्त गिर सकता है। वहीं, बरामदे में सांप भी आ जाते हैं।

    यहां से निकलकर राहुल गांव माछीवाल के परिवार से मिलने गए। वहां मजदूरी करने वाले रविदास उसकी पत्नी अरुणा रानी, माता सीता और दो बच्चों से मुलाकात की। रविदास के पांच साल के बेटे अमृतपाल ने बताया कि बाढ़ में उसका साइकिल टूट गया। इस पर राहुल ने उसके सिर पर हाथ रखकर प्यार किया और उसे चाकलेट व टाफियां दीं।