गांवों में जाने से रोका तो राहुल बोले- तैरकर पार करेंगे रावी नदी, पुलिस ने सुरक्षा का दिया हवाला
गुरदासपुर में बाढ़ का जायजा लेने पहुंचे राहुल गांधी को रावी नदी पार करने से रोक दिया गया। पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला दिया। राहुल गांधी नदी पार बसे गांवों का हाल जानना चाहते थे और तैरकर जाने को भी तैयार थे। प्रशासन के इनकार के बाद कांग्रेस नेताओं ने विरोध जताया। राहुल गांधी ने स्थानीय लोगों से बात की और उनकी समस्याएं सुनीं।

जागरण टीम, गुरदासपुर/बहरामपुर। पंजाब में आई भीषण बाढ़ का जायजा लेने आए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जब सोमवार को गुरदासपुर के मकौड़ा पत्तन पहुंचे तो एक दिलचस्प घटनाक्रम देखने को मिला।
राहुल गांधी रावी दरिया के उस पार बसे सात गांवों का हाल जानना चाहते थे, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासन ने उन्हें किश्ती से दरिया पार करने से यह कहते हुए रोक दिया कि उनकी सुरक्षा को देखते हुए यह अनुमति नहीं दी जा सकती।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ लंबी बहस के बाद भी जब प्रशासन ने किश्ती उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया, तो राहुल गांधी ने जिद की कि अगर किश्ती उपलब्ध नहीं कराई गई, तो वह खुद तैरकर दरिया पार करेंगे और सात गांवों तक पहुंचेंगे।
राहुल गांधी ने एसपी को कहा कि आप दरिया का पानी रफ होने की बात कहकर पार बसते गांवों में जाने से रोक रहे हैं, लेकिन उन्हें दरिया को देखकर ऐसा कतई नहीं लगता।
उन्हें रोकने का कारण यह तो नहीं लग रहा। वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने एसपी को कहा कि वे दरिया पार जाना चाहते हैं। अगर आप आगे जाने नहीं देना चाहते तो लिखकर दे दें।
मकौड़ा पत्तन पर राहुल गांधी के साथ पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा, पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, गुरदासपुर के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा, विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा और अरुणा चौधरी भी मौजूद थे।
ज्ञात रहे कि राहुल गांधी के विशेष दौरे का अंतिम पड़ाव मकौड़ा पत्तन था। दोपहर बाद जब राहुल गांधी अपने काफिले के साथ मकौड़ा पत्तन पहुंचे तो एसएसपी गुरदासपुर आदित्य, एसपी जुगराज सिंह, एसपी गुरप्रताप सिंह, एसडीएम दीनानगर जसपिंदर सिंह भुल्लर वहां मौजूद थे।
इस मौके पर राहुल गांधी ने रावी पार के सात गांवों का हाल जानने की इच्छा जताई। इसके लिए उन्होंने प्रशासन से किश्ती उपलब्ध कराने की मांग की, लेकिन पुलिस प्रशासन ने मना कर दिया।
इस मुद्दे को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य नेतृत्व की पुलिस व अन्य अधिकारियों के साथ काफी देर तक बहस हुई। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि राहुल गांधी जिन गांवों का दौरा करना चाहते थे, वे पाकिस्तान सीमा से बिल्कुल सटे हुए हैं।
इस वजह से खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा कारणों से वहां जाने के खिलाफ अलर्ट जारी किया था। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व ने एनडीआरएफ से विशेष नाव उपलब्ध कराने की अपील की, लेकिन उन्होंने भी मना कर दिया।
राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि रावी दरिया के उस पार भारत के भी गांव हैं और वहां भारतीय लोग रह रहे हैं। उनकी हालत के बारे में जानना गलत कैसे हो सकता है?
जब कोई और रास्ता नहीं बचा तो राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया कि अगर उन्हें नाव उपलब्ध नहीं कराई गई तो वे तैरकर रावी पार कर जाएंगे। इसके बावजूद प्रशासन ने उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी। इस मौके पर आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। राहुल गांधी ने उनसे बात की और उनकी समस्याएं सुनीं।
गौरतलब है कि कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व को एक दिन पहले ही इस बात की भनक लग गई थी कि राहुल गांधी को रावी दरिया पार नहीं करने दिया जाएगा। इसे देखते हुए कांग्रेस नेताओं ने पहले ही गुपचुप तरीके से तीन नावें मंगवाकर अपने एक सरपंच के घर पर रखवा दी थीं। जिला प्रशासन को भी इसकी भनक लग गई और उन्होंने राहुल गांधी के पहुंचने से पहले ही इन नावों को अपने कब्जे में ले लिया।
डीजीपी और आईजी को लगाए फोन
इस मौके पर जब बहस थमने का नाम नहीं ले रही थी, तो सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने डीआईजी अमृतसर नानक सिंह को फोन करके उनसे बात की। इसके बाद विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने डीजीपी गौरव यादव को फोन करके बताया कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं और उनका एक अहम स्थान है।
वह संकट से घिरे पंजाब के लोगों का दुख-दर्द जानने आए हैं, इसलिए उन्हें बिना वजह रोका जा रहा है। कांग्रेस नेतृत्व की लाख कोशिशों के बावजूद आखिरकार राहुल गांधी को रावी दरिया पार नहीं करने दी गई।
राहुल गांधी को भारत में ही खतरा तो कहां जाएं
उधर, मौके पर मौजूद प्रदेश कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि राहुल गांधी दरिया पार बसे गांवों के लोगों से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें यह कहा गया कि उन्हें उस पार पाकिस्तान से खतरा है। अगर राहुल गांधी को हिंदोस्तान में पाकिस्तान से खतरा है तो कहां जाएं। उन्होंने कहा कि इससे पहले किसी ने भी उक्त गांवों में जाना उचित नहीं समझा।
अब राहुल गांधी वहां जाना चाहते थे तो उन्हें रोक दिया गया क्योंकि गृह मंत्री अमित शाह और सीएम भगवंत सिंह मान यह नहीं चाहते कि वह इन लोगों से मिलने जाएं। पुलिस ने जानबूझ कर दरिया में पानी का बहाना लगाकर उन्हें रोक दिया।
वड़िंग ने कहा कि अगर सरकार का मानना है कि दरिया पार पाकिस्तान का खतरा है तो दरिया पार बसे सात गांवों के पांच हजार लोगों को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर बार्डर के इस पार भी हम सुरक्षित नहीं हैं तो फिर देश का कोई व्यक्ति सुरक्षित नहीं है।
उन्होंने कहा कि उधर गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान मल्लिकार्जुन खड़गे को फोन कर कहा कि राहुल गांधी को कहें कि अपना दौर रद्द कर दें। यही नहीं इसे लेकर चिट्ठी भी लिखी गई। सारे घटनाक्रम के बाद उस पार के लोगों को इधर लाया गया क्या उन्हें कोई खतरा नहीं था।
पूर्व सीएम व सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि राहुल गांधी बाढ़ प्रभावित लोगों की समस्याएं जानने पहुंचे हैं, लेकिन उन्हें आश्चर्य है कि पंजाब सरकार ने पुलिस तैनात करके राहुल गांधी को दरिया पार करने से रोका दिया। उन्हें कहा जा रहा है कि आगे बार्डर है।
चन्नी ने कहा कि दरिया पार हमारे अपने लोग रहते हैं, हम वहां का हाल जानने जा रहे हैं, लेकिन हमें लोगों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पंजाब सरकार की गलत बात है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में लगातार अवैध खनन हुआ है, जिसके कारण प्रदेश में बाढ़ आई है।
पंजाब सरकार ने समय पर बांधों से पानी नहीं छोड़ा जिसके कारण बांध भर गए और अचानक पानी छोड़ना पड़ा। इसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है। पंजाब सरकार ने खुद ये हालात पैदा किए हैं। सरकार के कुप्रबंधन के कारण बाढ़ आई है।
सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि वे डेरा बाबा नानक पाकिस्तान की नंगली पोस्ट तक जाकर आए हैं, जो बार्डर से आधा किलोमीटर दूर है। वहां जाने से तो किसी ने नहीं रोका, लेकिन यह बात समझ से परे है कि उन्हें यहां जाने से क्यों रोका जा रहा है।
पंजाब और केंद्र सरकार को इसका जवाब देना होगा। पंजाब सरकार ने बांधों से एकदम से पानी छोड़ दिया, जिसके चलते ऐसे हालात पैदा हुए। बसंतर और रणजीत सागर डैम से एक साथ पानी छोड़ने की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रणजीत सागर डैम के चीफ इंजीनियर और सिंचाई सचिव दोनों पर केस दर्ज होना चाहिए।
इन दोनों अफसरों की वजह से पंजाब बर्बाद हुआ। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के मकौड़ा पत्तन पहुंचने के बाद नावें भी दूसरी तरफ ले जाई गईं। डेरा बाबा नानक से बार्डर आधा किलोमीटर और यहां से 8 किलोमीटर दूर है। ऐसे में राहुल गांधी को दरिया पार के गांवों में जाने से रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है।
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