योग क्रियाओं को गलत ढंग से करने से होते हैं नुकसान
योग इंसान को तंदुरुस्त और खुशहाल बनाता है लेकिन अगर योग क्रियाओं को गलत तरीके से किया जाए तो इसका साइड इफेक्ट भी होता है।

जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : योग इंसान को तंदुरुस्त और खुशहाल बनाता है, लेकिन अगर योग क्रियाओं को गलत तरीके से किया जाए तो इसका साइड इफेक्ट भी होता है। योगाचार्य का मानना है कि बिना ट्रेंड योग गुरु के योग क्रियाएं नहीं करनी चाहिए। यही नहीं, जो लोग पहले से बीमार हैं या उन्हें कोई परेशानी है तो कई ऐसे आसन हैं, जो उन खास बीमारी से पीड़ित लोगों को नहीं करना चाहिए।
पतंजलि योग समिति के सोशल मीडिया सेल के प्रदेश प्रधान रोहित उप्पल का कहना है कि कपालभाति से वजन जल्दी कम होता है। लोग एनर्जेटिक महसूस करते हैं, ब्रेन का सर्कुलेशन बेहतर होता है। इसमें पेट को अंदर-बाहर करना होता है, लेकिन इसमें सांस पर कंट्रोल और सांस छोड़ने, सांस अंदर रखने के नियम हैं। अगर इसका गलत तरीके से प्रयोग किया जाए तो इसका साइड इफेक्ट होता है। ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें इस वजह से किडनी और बैक पैन की परेशानी हुई है। किस बीमारी में बचें किस आसन से
कपालभाति : सर्वाइकल से पीड़ित मरीजों को झटके के साथ कपालभाति नहीं करनी चाहिए। कपालभाति महिलाओं के लिए ज्यादा खतरनाक है। इससे इंटरनल अंगों पर प्रेशर बनता है और महिलाओं के यूट्रस पर असर होता है।
भस्त्रिका : हाइपरटेंशन, हार्ट, अस्थमा के मरीजों को भस्त्रिका आसन नहीं करना चाहिए। भस्त्रिका प्राणायाम में फेफड़े पर प्रेशर पड़ता है।
पीछे झुकने वाला आसन : हर्निया के मरीजों को पीछे झुकने वाला आसन नहीं करना चाहिए।
मयूर आसन : हार्ट के मरीजों को मयूर आसन नहीं करना चाहिए।
सामने झुकने वाला आसन : साइटिका, बैक पेन, सर्वाइकल के मरीजों को सामने झुकने वाला आसन नहीं करना चाहिए। सर्जरी वाले तीन माह तक न करें कोई आसन
उन्होंने बताया कि किसी की कोई सर्जरी हुई है तो तीन महीने तक कोई आसन नहीं करें। योग क्रिया अपनी क्षमता के अनुसार करें। दूसरे को देखकर जोर नहीं लगाएं। उत्साह में ज्यादा नहीं करें। हमेशा ट्रेंड योग गुरु के अंदर ही योग सीखना चाहिए।
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