आठ महीने पानी में रहता है बाथू की लड़ी मंदिर
पठानकोट के साथ हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में गांव जवाली स्थित हिमाचल पौंग डैम इलाके में एक प्राचीन ऐतिहासिक शिव मंदिर विराजमान है।

बाल कृष्ण कालिया गुरदासपुर
पठानकोट के साथ हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में गांव जवाली स्थित हिमाचल पौंग डैम इलाके में एक प्राचीन ऐतिहासिक शिव मंदिर विराजमान है। इसे देखने के लिए गर्मियों में पंजाब हरियाणा दिल्ली के लोग भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। इस मंदिर का रहस्य जानने के लिए लोग मंदिर के द्वार तक नाव के माध्यम से पहुंच रहे हैं। 70 के दशक में बना यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बन रहा है। शनिवार को गुरदासपुर से इस मंदिर को देखने के लिए पहुंचे शिवसेना बाल ठाकरे के पंजाब उपाध्यक्ष हरविदर सोनी समाज सेवक समीर अबरोल, रमन शर्मा ने देश की केंद्र सरकार व हिमाचल सरकार से पुरजोर मांग करते हुए कहा है कि इस मंदिर की कायाकल्प करने के लिए दोनों सरकारें मिलकर काम करें।
यह मंदिर साल के आठ महीने पानी में डूबा रहता है। पानी के अंदर आठ महीने तक रहने के बावजूद भी इस मंदिर को कोई नुकसान नहीं होता है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने अपने अज्ञातवास कार्यकाल के दौरान करवाया था। पोंग डैम के महाराणा प्रताप सागर झील में डूबे इस मंदिर को देखने के लिए हिमाचल के साथ-साथ पंजाब दिल्ली हरियाणा के लोग भी इन दिनों पहुंचते हैं। यह मंदिर 70 के दशक में बांध के पानी के दौरान डूब गया था। गर्मी के दिनों में बांध का जलस्तर कम होने के कारण यह मंदिर चार महीने ही पानी से ऊपर आता है। इस मंदिर में पांडवों ने स्वर्ग तक जाने के लिए सीढि़यों का निर्माण भी किया था, जो केवल ढाई सीढि़यों से अधूरा रह गया। यहां से कुछ ही दूरी पर एक पत्थर मौजूद है, जिसे भीम ने फेंका था कहा जाता है कि इस पत्थर पर कंकर मारने पर इससे खून निकल आता है। मंदिर के अंदर भगवान भोलेनाथ, माता काली व माता पार्वती की प्रतिमाएं बनी हुई हैं। मंदिर के अंदर भगवान विष्णु का शेषनाग की मूर्तियां भी स्थापित हैं। गुरदासपुर से हिमाचल प्रदेश इस मंदिर को देखने के लिए पहुंचे शिवसेना बाल ठाकरे के नेता हरविदर सोनी का कहना है कि केंद्र सरकार और हिमाचल सरकार मिलकर इस मंदिर की रूपरेखा तैयार कर इसे बेहतर बनाएं।
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