मुगल सम्राट अकबर की ताजपोशी तख्त की नहीं ली सुध
समय-समय पर सत्ता में कई सरकारें आई और चली गई लेकिन किसी ने भी कस्बा कलानौर में मुगल सम्राट अकबर की ताजपोशी तख्त की ओर ध्यान नहीं दिया।
महिदर सिंह अर्लीभन्न, कलानौर
समय-समय पर सत्ता में कई सरकारें आई और चली गई, लेकिन किसी ने भी कस्बा कलानौर में मुगल सम्राट अकबर की ताजपोशी तख्त की ओर ध्यान नहीं दिया। हालांकि इसका कायाकल्प करने के लिए सैर सपाटा मंत्री रहे नवजोत सिंह सिद्धू व वर्तमान कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी जायजा ले चुका हे। मगर हर बार आश्वासन के सिवाए कुछ नहीं किया गया।
कस्बा कलानौर में प्राचीन शिव मंदिर, बाबा बंदा सिंह बहादुर गुरुद्वारा, तपो भूमि बावा लाल दियाल मंदिर व मुगल सम्राट जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर का ताजपोशी तख्त हैं। इस ऐतिहासिक कस्बे को हेरीटेज बनाने के सपने अभी तक पूरे नहीं हो रहे हैं। मुगल सम्राट जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर की ताजपोशी का तख्त अपनी खस्ता हालत पर आंसू बहा रहा है। गौरतलब है कि अकबर के पिता हुमायूं की 26 जनवरी 1556 को दिल्ली में दीन पनाह नामी लाइब्रेरी की सीढि़यों से गिरने से मौत हुई तो बैरम खां ने तुरंत इस स्थान पर एक चबूतरा बनाया और पूरी शाही रस्मों से 14 फरवरी 1556 को अकबर की ताजपोशी कर दी। बैरम खां ने उस दिन सुबह से ही इस इलाके में अकबर को साथ लेकर शिकार खेला था। उस समय अकबर की आयु 13 वर्ष तीन महीने की थी। इस संबंधी पुरातत्व विभाग के भानू प्रताप सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इस विषय पर बोलना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। चंडीगढ़ स्थित सुपरिंटेंडेंट व जुलफकार अली से बातचीत की जाएगी।
अकबर के समय सुंदर इमारतें बनाई गई थीं
प्रो. हरजीत सिंह काहलों, दलविदर सिंह बाबा, गुरप्रीत सिंह गोपी, दलबीर सिंह, सलीम खां आदि ने बताया कि जब मुगल सम्राट जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर की इस तख्त पर ताजपोशी की गई तो उस समय क्षेत्र घना जंगल था। इस स्थान पर ताजपोशी की रस्म अदा होने के कारण इसके आसपास बाग भी लगाए गए थे और 12 माला का कुआं भी लगाया गया और सुंदर इमारतों का निर्माण भी करवाया गया था। इसमें प्रसिद्ध इमारत शाह हमाम लुकाछिपी बनाई गई थी, जिसमें अकबर अपने दरबारियों के साथ खेला करता था। इसके अलावा जमीला बेग का मकबरा, बेगम सुलताना का महल, पीर बुड्डण शाह की मसीत आदि स्थान थे, जो कलानौर क्षेत्र में आती है। मगर प्राकृतिक आपदाओं व किरन व रावी के बाढ़ से ये जर्जर हो गए।
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