मंडी बोर्ड के कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ रोष व्यक्त किया
पंजाब के हर विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी के कारण करना पड़ रहा मुश्किलों का सामना।
संवाद सहयोगी, काहनूवान : पंजाब के हर विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी है। नतीजतन आम जनता विभागों के काम के बारे में शिकायत करती है। वहीं, विभागों के कर्मचारी भी सरकारों के बेबुनियाद आदेशों से भारी मानसिक दबाव में हैं। कुछ ऐसा ही हाल अब पंजाब मंडीकरण बोर्ड के कर्मचारियों का भी हो रहा है। अब पंजाब सरकार गांवों में रेड लाइन में रहने वाले घरों के मालिकों को मालिकाना हक दे रही है। जिसके लिए अब पंजाब मंडी बोर्ड के उन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो बीएलओ के तौर पर काम करते हैं। हैरानी की बात यह है कि इस समय पंजाब की मंडियों में धान प्रबंधन और भंडारण का काम जोरों पर है। इस संबंध में मंडी बोर्ड के कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें स्थानीय तहसील स्तर के अधिकारी द्वारा गांवों में जाकर मालिकाना हक संबंधी जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ उनकी मंडियों में इंस्पेक्टर और सुपरवाइजर की ड्यूटी है तो वहीं दूसरी तरफ राजस्व अधिकारियों द्वारा इस कर्तव्य को पूरा करने के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है। मंडी बोर्ड के कर्मचारी संघ के नेताओं का कहना है कि उन्हें पहले ही बीएलओ की जिम्मेदारी दी जा चुकी है। वहीं इन हालातों में वे दूसरी जिम्मेदारी कैसे निभाएंगे, वे मंडियों में अपना काम छोड़कर इस कर्तव्य को निभाने में असमर्थ हैं।
क्या कहते हैं प्रशासनिक अधिकारी
नायब तहसीलदार काहनूवान सुखविदर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से दी गई यह जिम्मेदारी बेहद अहम है। मंडियों में काम करने वाले कर्मचारियों की ड्यूटी समझते हुए वह मामले को उपायुक्त गुरदासपुर के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने कहा कि गांवों में घरों की मालिकी के काम को मुकम्मल करने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी अरजस्टमेंट की जाएगी। इस संबंध में सभी ग्रुप बीएलओ को जल्द सूचित किया जाएगा।