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    शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद संदीप सिंह के परिजनों का किया स्वागत

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 26 Nov 2021 04:48 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ रोकते हुए सेना की 4 पैरा स्पेशल फोर्स के लांसनायक संदीप सिंह ने तीन आतंकियों को मारकर शहादत का जाम पिया था।

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    शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद संदीप सिंह के परिजनों का किया स्वागत

    संवाद सहयोगी, बटाला : जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ रोकते हुए सेना की 4 पैरा स्पेशल फोर्स के लांसनायक संदीप सिंह ने तीन आतंकियों को मारकर शहादत का जाम पिया था। उनके अदम्य साहस व शूरवीरता को देखते हुए सरकार ने उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र देने की घोषणा की थी। उस घोषणा को अमली जामा पहनाते हुए गत दिवस राष्ट्रपति भवन में आयोजित सेना अलंकरण समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविद ने शहीद लांसनायक संदीप सिंह की पत्नी गुरप्रीत कौर को शौर्य चक्र भेंट कर उनकी शहादत को नमन किया। शुक्रवार को शहीद संदीप सिंह के परिजन जब दिल्ली से अपने गांव कोटला खुर्द पहुंचे तो शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के सदस्यों व गांव वासियों ने शहीद की माता कुलविदर कौर, पत्नी गुरप्रीत कौर व बेटे अभिनव का भव्य स्वागत कर उन्हें सम्मानित किया।

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    इस अवसर पर शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविदर सिंह विक्की ने कहा कि पंजाब शूरवीरों की धरती है, जिसकी बलिदानी मिट्टी के कण-कण में शहादत का जज्बा है। देश की सुरक्षा को जब भी खतरा पैदा हुआ तो यहां के रणबांकुरों ने दुश्मन के कुत्सित इरादों को नेस्तनाबूद करते हुए अपना बलिदान देकर अपनी यूनिट, देश व अपने माता-पिता का नाम सारे देश में रोशन किया है। उन्होंने कहा कि शहीद लांसनायक संदीप सिंह 2016 में भारतीय सेना द्वारा पकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक का हिस्सा बन अपनी वीरता के जौहर भी दिखा चुके थे। कुंवर विक्की ने कहा कि यह छोटा सा गांव कोटला खुर्द जिसे संदीप की शहादत से पहले कोई नहीं जानता था मगर इस जांबाज सैनिक के शौर्य की गूंज राष्ट्रपति भवन तक पहुंचने से अब यह गांव एक शहीद के नाम से जाना जाएगा। पत्नी बोली- अगर संदीप खुद शौर्य चक्र लेने जाते तो और भी खुशी होती

    शहीद संदीप की पत्नी गुरप्रीत कौर ने नम आंखों से बताया कि उन्हें पति के जाने का दुख तो बहुत है, मगर जब राष्ट्रपति भवन में उनके शहीद पति की वीर गाथा साइटेशन की रूप में पढ़ी गई तो उनका सिर गर्व से ऊंचा हो गया। उन्होंने कहा कि अगर संदीप आज हमारे साथ होते और वे राष्ट्रपति से खुद शौर्य चक्र लेते तो उन्हें और भी खुशी होती। मां बोली- बेटे की शहादत पर गर्व मगर सरकार की उपेक्षा से आहत

    शहीद लांसनायक संदीप सिंह की माता कुलविदर कौर ने सजल नेत्रों से कहा कि मुझे अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। उसने राष्ट्र की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देकर मुझे एक शहीद की मां कहलाने का गौरव प्रदान किया वहीं मैं सरकार की उपेक्षा से आहत भी हूं। जब उनका बेटा शहीद हुआ तो उसके अंतिम संस्कार के अवसर पर सरकार द्वारा गांव में शहीद बेटे की याद में यादगिरी गेट, स्टेडियम व उसकी प्रतिमा बनाने की घोषणा की थी, मगर अफसोस बेटे की शहादत के तीन साल बाद भी वो घोषणाएं पूरी नहीं हुई। बेटा बोला- यादों में आज भी जिंदा है पापा

    शहीद संदीप के सात बर्षीय बेटे अभिनव ने बताया के बेशक उसके पापा वतन की हिफाजत करते हुए शहीद हो गए हैं, मगर मेरी यादों में वे आज भी जिंदा हैं। उसने कहा कि वह भी अपने पापा की तरह स्पेशल कमांडो बन देश सेवा करना चाहता है। इस अवसर पर शहीद के पिता जगदेव सिंह, परिषद के प्रेस सचिव बिट्टा काटल, सरपंच अवतार सिंह, समाज सेवक इन्द्रजीत सिंह बाजवा, शहीद सिपाही जतिदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही मनदीप कुमार के पिता नानक चंद आदि उपस्थित थे।