छोटी उम्र का बड़ा कलाकार है कार्तिक
कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, बटाला : कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। गणपति एनक्लेव निवासी कार्तिक दस वर्षीय कार्तिक चित्र बनाने में निपुण है। कार्तिक डीएवी सेनेटरी स्कूल का पांचवीं कक्षा का विद्यार्थी है। उसकी मां मीनाक्षी अग्रवाल के अनुसार जब कार्तिक पहली कक्षा में ही पढ़ता था तो उसकी ड्राइंग में रुचि देखकर उसे बहुत ताज्जुब हुआ। इतने छोटे बच्चों को जहां सही ढंग से लिखना भी नहीं आता है, वहीं कार्तिक अपनी ड्राइंग कापी में फूलों, वृक्ष और पक्षियों के चित्र काफी अच्छे से बनाता था। जब भी उसे पढ़ने के लिए बोला जाता तो वह सबसे पहले ड्राइंग की ही कापी निकालता। अब जब वह पांचवीं कक्षा में पहुंच चुका है तो फालतू समय में अपनी कापी पर महान शख्सियतों के स्केच तैयार करता रहता है।
कार्तिक ने मुलाकात के दौरान बताया कि वैसे तो वह हर किसी का चित्र तैयार कर सकता है, लेकिन सेलिब्रेटियो के चित्र बनाने में उसे ज्यादा खुशी मिलती है। उसके द्वारा बनाए गए चित्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविद, डीसी मोहम्मद इशफाक, भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के चित्र उसकी कला की खुद गवाही देते हैं। स्केच बनाने के अलावा कार्तिक को क्रिकेट भी बहुत प्रिय
उसका पिता आशु अग्रवाल ने बताया कि स्केच बनाने के अलावा कार्तिक को क्रिकेट भी बहुत प्रिय है। वह रोजाना शाम ढलते ही अपने दोस्तों के साथ मिलकर गली में क्रिकेट का आनंद लेना नहीं भूलता। कार्तिक के माता-पिता उसकी पूरी सपोर्ट कर रहे हैं।

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