पाक से आए वायरलेस मैसेज पर पंजाब में हड़कंप, सुरक्षा तंत्र सक्रिय
पाकिस्तान के वायरलेस मैसेज के बाद सुरक्षा बल सतर्क हो गया है। मकौड़ा पत्तन सहित सीमा से सटे अन्य क्षेत्रों में पुलिस व सुरक्षा बलों ने सर्च आपरेशन चलाया। हालांकि अभी तक किसी संदिग्ध का पता नहीं चल पाया है।
जेएनएन, बमियाल सेक्टर (पठानकोट/गुरदासपुर)। सुरक्षा एजेंसियों ने गत दिवस लगभग पौने छह बजे बमियाल सेक्टर के लसियाण एरिया में पाकिस्तान का एक वायरलेस मैसेज पकड़ा। इसमें पूछा गया है, 'मेहमान पहुंचे?' इस मैसेज का जवाब इकबाल नामक व्यक्ति दे रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने जैसे ही मैसेज को इंटरसेप्ट किया, तो उनके कान खड़े हो गए।
यह इलाका पठानकोट जिले व गुरदासपुर जिले के दीनानगर की तरफ से पाकिस्तान से सटा हुआ है। इसी एरिया के पास बीते दिनों एक डॉक्टर ने संदिग्ध हथियारबंद को देखा था। यह पंजाब के आठ ऐसे टापूनुमा गांवों में से एक है, जिनका संपर्क भारत के बाकी हिस्से से केवल रावी दरिया पर मकौड़ा पत्तन पर बने पैंटून पुल से ही होता है। दो दिन पहले पहले हुई बारिश के दौरान यह पुल बह गया था।
सुरक्षा एजेसियों ने मैसेज को बीएसएफ व पुलिस के साथ भी शेयर किया। देर शाम तक इसे गंभीर नहीं माना गया। क्योंकि जिन मेहमानों के पहुंच जाने की बात की गई है, वह अगर पाक प्रशिक्षित एजेंट या आतंकी हैं, तो वे रात एक से तीन बजे के बाद बॉर्डर क्रॉस करते। वे सुबह पांच बजे सीमा पार करने का जोखिम नहीं उठाते। बहरहाल, मैसेज के बाद गुरदासपुर पुलिस ने मकौड़ा पत्तन पर सर्च अभियान जारी रखा है। सीमा पर तैनात पठानकोट पुलिस के एसपी ऑपरेशन हेमपुष्प ने कहा है कि मैसेज सामान्य है। इसे किसी खतरे के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए।
नए साल पर वारदात की आशंका
दो साल पहले नए साल पर पाक प्रशिक्षित आतंकियों ने इसी इलाके से घुसपैठ करके एयरफोर्स स्टेशन पठानकोट को निशाना बनाया था। सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट किया है कि आतंकी फिर कोई ऐसी वारदात का प्रयास कर सकते हैं। नए साल व क्रिसमस के चलते सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
स्लीपर सेल तक का रास्ता
इस मैसेज का विश्लेषण इस आधार पर भी किया जा रहा है कि कही यह मैसेज भारत में आतंकियों को संरक्षण देने में जुटे लोगों के घर में मेहमान पहुंच जाने का तो नहीं है। ऐसे लोगों की तलाश में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों सालों से लगी हैं परंतु बार-बार पड़ताल के बावजूद उनके हाथ खाली हैं।
मैसेज कहीं आंतरिक तो नहीं
कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि कहीं यह मैसेज अपनी ही फोर्स का तो नहीं है जिसे कोड शब्दों में पास किया गया है। चूकि मैसेज की ग्राउंड शाम तक भी क्लीयर नहीं हुई थी, इसलिए इसने एजेंसियों को चिंतन में तो डाल रखा है।
पाकिस्तानी संदिग्धों के भारत में दाखिल होने की सूचना के बाद चला सर्च ऑपरेशन
27 जुलाई 2015 को बड़े आतंकी हमला का शिकार हो चुके कस्बा दीनानगर के साथ लगती भारत-पाक सीमा के नजदीक संदिग्धों की काल ट्रेस होने के बाद खुफिया एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। भारतीय सेना के खुफिया ङ्क्षवग की ओर से ट्रेस की गई वायरलैस बातचीत में भारत में दाखिल हुए कुछ संदिग्ध पाकिस्तान में अपने आकाओं से बात कर रहे है। जिनकी लोकेशन दीनानगर के गांव लसियाण में आ रही है।
सर्च आपरेशन चलाती पुलिस।
सेना की ओर से पुलिस को संदिग्धों संबंधी सूचित करने के बाद वीरवार को जिला गुरदासपुर और पठानकोट की पुलिस फोर्स एसएसजी कमांडों के सहित बड़ी संख्या में सीमा पर पहुंच गए और उक्त क्षेत्र में सर्च आपरेशन शुरू कर दिया, लेकिन उक्त टापूनुमा जगह पर स्थित इस गांव के भारत से संपर्क के लिए एकमात्र मकौड़ा पत्तन पर दरिया पर बनाया अस्थाई पुल पानी के तेज बहाव में बह चुका है। इसके कारण सर्च आपरेशन में दिक्कत आ रही है।
सर्च आपरेशन में जुटी बीएसएफ व पुलिस।
रावी दरिया ने रोका सुरक्षा कर्मियों का रास्ता
भारत-पाक सीमा के नजदीक स्थित गांव सलियाण में संदिग्धों की लोकेशन बताई जा रही है। वह पंजाब के आठ ऐसे टापूनुमा गांव में से एक है, जिनका संपर्क भारत के बाकी हिस्से से केवल दरिया रावी पर मकौड़ा पत्तन पर बने पैंटून पुल द्वारा ही होता है और कुछ दिन पहले हुई बारिश के दौरान दरिया रावी में पानी का तेज बहाव होने से उक्त पैंटून पुल बह गया है। जिसे जिला प्रशासन द्वारा अभी तक बनाना भी शुरू नहीं किया गया है। जिसके कारण सुरक्षा एजेंसियों के जवान देर शाम तक उक्त क्षेत्र में दाखिल नहीं हो सके थे।
दूसरी बार भी दरिया पार नहीं कर पाई टीमें
पुलिस की ओर से उक्त सूचना के उपरांत वीरवार सुबह से ही क्षेत्र में सरगर्मियां बढ़ा दी गई थी, लेकिन दरिया रावी पर पुल न होने के कारण पुलिस उक्त गांव में नहीं पहुंच सकी और दरिया के इस तरफ पड़ते गांवों में ही तलाशी अभियान चलाकर मिशन को तकरीबन समाप्त कर दिया, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए बाद दोपहर फिर से पुलिस की ओर से उक्त गांवों में दाखिल होने का फैसला लिया गया। जिसके लिए एसएसपी पठानकोट विवेकशील सोनी और एएसपी दीनानगर वरूण शर्मा भारी पुलिस बल व एसएसजी के जवानों सहित मकौड़ा पत्तन पर पहुंच गए, लेकिन दार शाम तक भी पुलिस अपने गन्तव्य तक नहीं पहुंच सकी थी।
सूत्रों के मुताबिक पुलिस अधिकारियों ने जवानों की सुरक्षा के मद्देनजर खस्ताहाल किश्ती द्वारा दरिया पार करके उक्त क्षेत्र में दाखिल होने से मना कर दिया। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने दोरांगला क्षेत्र में सीमावर्तीय क्षेत्र की पोस्टों और कंटीली तार की स्थिति का जायजा लेने के लिए दौरा किया। हैरानी की बात यह है कि पिछले दो दिन से आम लोग इसी किश्ती के माध्यम से दरिया पार कर रहे हैं।
पाक से बहकर आई थीं तीन किश्तियां
बता दें, कुछ दिन पूर्व भारत-पाक सीमा पर संदिग्ध परिस्थितियों में तीन पाकिस्तानी किश्तियां मिली थीं। एक किश्ती धर्मकोट पत्तन के पास मिली, जिसके दोनों सिरों पर पाकिस्तानी झंडे लगे हुए थे। बाकी की दो किश्ती आसपास के क्षेत्रों से बरामद की गई। तीनों के संदिग्ध हालात में मिलने के कारण जहां सुरक्षा एजेंसियां चौकस हो गई, वहीं लोग भी दहशत में हैं ।
बरामद पाकिस्तानी नाव।
किश्ती पर मंज एग्रो फार्मज जस्सर नारोवाल पाकिस्तान लिखा हुआ था। किश्ती बहुत बड़ी होने के कारण बेड़ा टाइप लगती है, जबकि बाकी दो छोटी हैं। बताया जा रहा है कि सुबह करीब साढ़े चार बजे पीडब्ल्यूडी की किश्ती के मलाह हरविंदर सिंह को पहली किश्ती दिखी, जो भारतीय क्षेत्र नंगली बोओपी (बॉर्डर आउटपोस्ट) के पास बह रही थी।
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