शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर किया याद
योगीराज भगवान नारायण सर्वहितकारी विद्या मंदिर दीनानगर विद्यालय में शहीद भगत सिंह राजगुरु सुखदेव के शहीदी दिवस के अवसर पर उन्हें पुष्प अर्पित कर याद किया गया।

संवाद सहयोगी, दीनानगर : योगीराज भगवान नारायण सर्वहितकारी विद्या मंदिर दीनानगर, विद्यालय में शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के शहीदी दिवस के अवसर पर उन्हें पुष्प अर्पित कर याद किया गया। इस दौरान दीदी निशा ने उनके व्यक्तित्व व जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे क्रांतिकारी परिवार से थे। इस कारण उनके अंदर देशभक्ति का गुण कूट कूट कर भरा था।
पिता किशन चंद व माता विद्यावती के घर खटकड़कलां में 27 सितंबर 1907 भगत सिंह का जन्म हुआ। उनके चाचाजी अजीत सिंह गदर पार्टी के सदस्य थे। क्रांतिकारी के गुण बचपन से ही भरे थे परंतु 13 अप्रैल 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद उन्होंने भारत को स्वतंत्र कराने की प्रतिज्ञा की। 12 वर्ष की आयु में गदर पार्टी के सदस्य बने। गदर पार्टी में वह लाला लाजपत राय के व्यक्तित्व से सबसे अधिक प्रभावित रहे। साइमन कमिशन के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन में लाला जी की मृत्यु के बाद भगत सिंह ने सांडरस को मारकर उनकी मौत का बदला लिया। 1929 में दिल्ली के असेंबली हाल में बटुकेशवर दत्त के साथ बम फेंका और वहां से भागे नहीं। उन पर मुकदमा चला 23 मार्च 1931 को फांसी की सजा दी गई। इस अवसर पर विद्यार्थियों के लिए आनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने शहिदों के चित्र बनाए।
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