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    गुरदासपुर में रावी नदी का बांध टूटा, नवोदय विद्यालय में घुसा पानी; 350 छात्र और स्टाफ को NDRF ने किया रेस्क्यू

    गुरदासपुर के जवाहर नवोदय विद्यालय दबूड़ी में रावी नदी का पानी भरने से 350 छात्र और 40 स्टाफ सदस्य फंस गए थे। एनडीआरएफ सेना और समाजसेवी संस्थाओं ने मिलकर 12 घंटे के बाद सभी को सुरक्षित निकाला। रावी का पानी 9 किलोमीटर दूर तक फैल गया जिससे आस-पास के गांवों में बाढ़ आ गई। स्कूल में पांच फीट तक पानी भर गया था।

    By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Wed, 27 Aug 2025 07:02 PM (IST)
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    बाढ़ के पानी में फंसे 350 छात्र, 40 स्टाफ सदस्यों को 12 घंटे बाद किया गया रेस्क्यू।

    जागरण संवाददाता, गुरदासपुर। पंजाब के गुरदासपुर जिले के दोरांगला कस्बे में स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय दबूड़ी में 350 छात्र और 40 स्टाफ के सदस्य देर रात इलाके में रावी दरिया का पानी भरने के कारण फंस गए थे। इन सभी को एनडीआरएफ, सेना और समाजसेवी संस्थाओं ने मिलकर 12 घंटे के बाद रेस्क्यू कर लिया है।

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    ज्ञात रहे कि रावी दरिया का पानी किनारे पार कर लगभग 9 किलोमीटर दूर तक पहुंच गया है और यह पानी तेजी से कलानौर की ओर बढ़ रहा है, जिससे आस-पास के सभी गांवों में पानी भर रहा है। रास्ते में दबूड़ी जवाहर नवोदय विद्यालय स्थित है और कई अन्य गांव भी आते हैं।

    जवाहर नवोदय विद्यालय में लगभग पांच फीट पानी जमा हो गया था। मंगलवार सुबह तक यहां पर हालात सामान्य थे, लेकिन रात करीब तीन बजे अचानक इलाके में पानी भर गया, जिसके चलते स्कूल में बच्चे फंस गए।

    प्रिंसिपल नरेश कुमार ने बताया कि स्कूल में विभिन्न कक्षाओं के 350 छात्र फंसे हुए थे, जो छात्रावास में रह रहे थे। यह सभी बच्चे जिले से संबंधित हैं। इसके साथ ही स्कूल के 40 शिक्षक और कर्मचारी और वह खुद भी स्कूल में फंसे हुए थे।

    बच्चों को स्कूल की पहली मंजिल पर सुरक्षित रखा गया था। वहीं, बच्चों को सरकार की ओर से छुट्टी करने के ऑर्डर के बारे में प्रिंसिपल ने कहा कि उन्हें इस संबंध में पहले कोई ऑर्डर नहीं मिला था। सरकार की ओर से 27 से 30 अगस्त तक छुट्टियां की गई थी।

    रात को करीब तीन बजे अचानक स्कूल के आस-पास पानी भर गया था। वहीं, मामले की जानकारी मिलते ही डीसी दलविंदरजीत सिंह ने स्कूल में फंसे बच्चों को निकालने के लिए टीमें लगा दी। उन्होने बताया कि प्रिंसिपल ने सुबह जिला प्रशासन को इस बारे में जानकारी दी थी।

    पहले बच्चों को निकालने के लिए बसें भेजी गई थी, लेकिन पानी काफी ज्यादा था। उसके बाद एनडीआरएफ और सेना के जवानों की मदद ली गई। बच्चों को किश्तियों के जरिये सुरक्षित स्थानों पर निकाला गया।

    बच्चों के स्वजन रहे परेशान

    मंजू निवासी तालिबपुर पंडोरी ने बताया कि उनकी बेटी स्टैला स्कूल की छठी कक्षा की छात्र है। वे कल से ही स्कूल प्रबंधकों को फोन कर रहे हैं कि स्कूलों में छुट्टियां हो गई हैं, लेकिन उन्हें सही जानकारी नहीं दी जा रही थी। रात को अचानक पानी काफी बढ़ गया, जिसके चलते बच्चे स्कूल में फंस गए हैं।

    जिला प्रशासन बच्चों को निकालने का तुरंत प्रबंध करे। उनकी बच्चों के साथ कोई बात नहीं हो पा रही है। वहीं अमनदीप कौर ने बताया कि उनका बेटा अभिजीत छठी कक्षा में पढ़ता है। अभी तक उनके बच्चों को स्कूल से निकालने के लिए प्रशासन की कोई टीम नहीं पहुंची है। फिलहाल बताया जा रहा है कि बच्चों को पहली मंजिल पर रखा गया है।

    अगर इमारत को पानी से नुकसान पहुंचता है तो बड़ा हादसा हो सकता है। स्कूल प्रबंधकों से जब पूछा गया था कि उन्होंने छुट्टियां क्यों नहीं की तो आगे से जवाब मिला कि केंद्र सरकार की ओर से छुट्टियों को लेकर कोई निर्देश नहीं दिया गया है। वहीं बच्चों के सुरक्षित स्कूल से निकलने के बाद स्वजनों ने राहत की सांस ली है।