Punjab Rain: दो दिन से जारी वर्षा ने बढ़ाई मुसीबत, नदी के पास बिगड़ने लगे हालात; खेत तक पहुंच गया पानी
गुरदासपुर जिले में भारी बारिश के कारण रावी और ब्यास नदियों में जलस्तर बढ़ गया है। नदियों का पानी किनारों से बाहर आकर खेतों में घुस गया है जिससे लगभग तीन हजार एकड़ फसल प्रभावित हुई है। जिला प्रशासन ने नदी के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
जागरण टीम, गुरदासपुर/बहरामपुर/काहनूवान। जिले में दो दिन से जारी वर्षा और पहाड़ों में मूसलाधार बारिश के कारण रावी और ब्यास दरिया में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। दरियाओं का पानी किनारे पार कर आस-पास के गांवों के खेतों में जा घुसा है, जिसके चलते करीब तीन हजार एकड़ फसल प्रभावित हुई है।
जिला प्रशासन की ओर से दरिया के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है। इसके बाद कई इलाकों में लोग घरों का सामान बांध कर सुरक्षित स्थानों की तरफ जा रहे हैं।
ज्ञात रहे कि रविवार को रणजीत सागर डैम की झील में पानी का स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया। परिणामस्वरुप रविवार सुबह रावी दरिया में करीब 2.50 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया था। मौजूदा सीजन में एक ही दिन इतनी बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने का यह मामला पहला है।
इससे पहले 17 अगस्त को डेढ़ लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया था। जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। जम्मू कश्मीर से आना वाले दरिया जलालिया और उज्ज भी उफान पर है। ये दोनों दरिया मकौड़ा पत्तन से कुछ किलोमीटर पहले रावी में मिल जाते हैं।
दरिया के पास गांवों में मुनियादी करवाई गई है। वहां से गुज्जरों व अन्य लोगों को अपने डेरे सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए कहा गया है। मकौड़ा पत्तन पर रावी में जलस्तर बढ़ने के कारण दरिया पार के सात गांव भरियाल, तूरबानी, राएपुर चिब, मम्मी चकरंगा, कजले, झुंबर, लसियाण आदि फिर से जिले से कट गए हैं।
वहीं, ब्यास दरिया में जलस्तर बढ़ने से जिला प्रशासन ने गांव पसवाल, टांडा, गलेलड़ा, कलोता, मेहताबपुर, किशनपुर और जगतपुर के लोगों को अलर्ट कर दिया है। हालात किसी भी समय बिगड़ सकते हैं, जिसके लिए लोगों को चौकस रहने को कहा गया है। दरिया किनारे रहने वाले लोगों को अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
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