पुलवामा आतंकी हमले में हुई थी दीनानगर के मनिंदर की शहादत, सरकार ने दो वादे किए पूरे; एक अधूरा
Pulwama Terror Attack दीनानगर कस्बे के सीआरपीएफ जवान कांस्टेबल मनिंदर सिंह पुलवामा हमले में शहीद हो गए थे। पंजाब सरकार ने उनके परिवार के साथ तीन वादे किए थे। जिनमें दो पूरे हो चुके हैं और शहीद के नाम से यादगारी गेट बनाना अभी बाकी है।

दीनानगर, जेएनएन। कस्बे के आर्यनगर निवासी सीआरपीएफ की 75 बटालियन के कांस्टेबल मनिंदर सिंह दो साल पहले पुलवामा हमले में शहीद हो गए थे। उनके शहीद होने पर पंजाब सरकार ने उनके परिवार के साथ तीन वादे किए थे। इनमें परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देना, स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखना व शहीद के नाम से यादगारी गेट बनाना शामिल हैं। इनमें से दो वादों को पूरा करते हुए पंजाब सरकार ने शहीद मनिंदर सिंह की शहादत के एक साल बाद शहीद के भाई लखबीर सिंह को पंजाब पुलिस में नौकरी दे दी।
दूसरे वादे को पूरा करते हुए मंत्री अरुणा चौधरी ने दीनानगर के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल लड़के का नाम जून 2020 में बदलकर शहीद मनिंदर सिंह के नाम पर रख दिया था। हालांकि तीसरी घोषणा शहीद के नाम पर बनने वाला गेट अभी नहीं बन सका है। पंजाब सरकार द्वारा शहीद परिवार के लिए घोषित दस लाख रुपये की मुआवजा राशि भी दो किश्तों में मुहैया करवा दी गई है।
बीटेक करने के बाद भी दिल में था देश सेवा का जज्बा
शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की ने बताया कि शहीद मनिंदर सिंह का जन्म 21 जून 1988 को पिता सतपाल अत्री व माता राज कुमारी के घर हुआ था। बीटेक करने के बाद उनको विप्रो कंपनी में नौकरी मिल गई थी, लेकिन सैनिक बनने की इच्छा ने उन्हें 2 मार्च 2017 को सीआरपीएफ की 75 बटालियन में भर्ती करवा दिया। मनिंदर कबड्डी व बास्केटबाल के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहने के अलावा उच्च कोटि के पेंटर भी थे। गौर हो कि ग्यारह साल पहले मनिंदर की माता का देहांत हो गया था। घर पर पिता और बहनें दुल्हन की तलाश कर रहे थे, लेकिन मनिंदर ने वीरगति को दुल्हन के रूप में गले लगाया।
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