PM Modi Punjab Visit: तबाही देख भावुक हुए पीएम मोदी, 1600 करोड़ पैकेज की घोषणा; मृतकों के परिजनों को मिलेंगे दो-दो लाख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित किसानों से बात की और उनकी समस्याएं सुनीं। किसानों ने बांध टूटने दिहाड़ी टूटने और घर टूटने की बात रखी। प्रधानमंत्री ने उन्हें मदद का विश्वास दिलाया और 2023 के मुआवजे पर स्पष्टीकरण मांगने का आश्वासन दिया। तरुण चुघ ने बताया कि प्रधानमंत्री ने 19 किसानों से बातचीत की।

जागरण संवाददाता, गुरदासपुर। तिब्बड़ी कैंट में बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत करने के बाद बाहर निकले भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ व राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने बताया कि प्रधानमंत्री ने करीब आधा घंटे किसानों से बातचीत की व उनकी समस्याएं सुनी।
भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब आधा घंटा किसानों की बात सुनी। किसी ने बांध टूटने तो किसी ने अपनी दिहाड़ी टूटने की बात प्रधानमंत्री के आगे रखी। गरीब मजदूरों ने अपने घर टूटने की बात भी प्रधानमंत्री के आगे रखी। किसानों ने बताया कि कई किसानों ने ठेके पर जमीनें ली हुई थीं, जो कि बाढ़ के कारण बर्बाद हो गई।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी की बात सुनने के बाद विश्वास दिलाया कि वह उनके साथ खड़े और वह उनकी पूरी मदद करेंगे। कई लोगों ने प्रधानमंत्री के समक्ष मांग उठाई कि अभी तक 2023 का मुआवजा भी नहीं मिला है। जिसके बाद प्रधानमंत्री ने उन्हें बताया कि उनके बाद प्रधानमत्री की स्टेट अधिकारियों से बैठक है, जिसमें वह उनसे इस बात का स्पष्टीकरण लेंगे कि लोगों को 2023 का मुआवजा क्यों नहीं मिल पाया। लोगों की समस्या सुनकर पीएम मोदी भावुक भी हुए।
पंजाब सरकार द्वारा 20 हजार करोड़ के पैकेज की मांग के सवाल पर आप नेता बहुत कुछ कहते रहते हैं। उनकी बातों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि अगर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान जहां मौके पर होते और अपनी बात को मजबूती से प्रधानमंत्री के समक्ष रखते। उन्होंने कहा कि कामना करता है कि मुख्यमंत्री जल्द ठीक हो जाए, लेकिन पंजाब भी इस समय बेहद बीमार है।
ऑल इंडिया महासचिव तरुण चुघ ने बताया कि प्रधानमंत्री ने पंजाब के विभिन्न हिस्सों से आए 19 किसानों से बातचीत की। इनमें फाजिलका, अजनाला, अमृतसर, डेरा बाबा नानक, श्रीहरगोबिंदपुर साहिब, गुरदासपुर के किसान शामिल थे। किसानों ने प्रधानमंत्री को अपनी समस्याएं सुनाई। अब प्रधानमंत्री भी एनडीआरएफ और अधिकारियों के साथ मीटिंग चल रही है।
प्रधानमंत्री ने एक एक किसान और खेती मजदूरों को ध्यान से सुना। किसानों ने अवैध खनन, अवैध कटाई, धुस्सी की सही रिपेयर न होना धुस्सी टूटने का मुख्य कारण बताया गया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने जिक्र किया कि उन्होंने 1995 की बाढ़ अपनी आंखों से देखा। किसानों ने अपनी सभी दुख तकलीफे पीएम के आगे बताई।
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