रावी नदी में दूसरे दिन भी छोड़ा गया डेढ़ लाख क्यूसेक पानी, बाढ़ से पठानकोट और गुरदासपुर बुरी तरह प्रभावित
हिमाचल प्रदेश और जम्मू में बादल फटने से पंजाब के पठानकोट और गुरदासपुर में बाढ़ जैसे हालात हैं। उज्ज दरिया और रणजीत सागर डैम से पानी छोड़ने के कारण रावी नदी में जल स्तर बढ़ गया है जिससे मकौड़ा पत्तन पर किश्ती सेवाएं बंद हैं और सात गांवों का संपर्क टूट गया है।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर। हिमाचल प्रदेश और जम्मू के कठुआ में लगातार बादल फटने की घटनाओं के बाद आई बाढ़ ने पंजाब के सीमावर्ती जिले पठानकोट और गुरदासपुर को बुरी तरह से प्रभावित किया है।
सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी उज्ज दरिया और रणजीत सागर डैम से डेढ़ लाख क्यूसिक पानी रावी दरिया में छोड़ा गया। जिसके चलते बमियाल के बाद मकौड़ा पत्तन पर भी दरिया में पानी तेज रफ्तार से बह रहा है।
रावी में जल स्तर ओर बढ़ गया है। दूसरी ओर इन हालातों में मकौड़ा पत्तन पर तीसरे दिन भी किश्ती नहीं चल सकी। जिसके चलते दरिया पार बसते सात गांवों में पहुंचने का कोई साधन नहीं बचा है। ज्ञात रहे कि दरिया में अाखिरी बार शनिवार को शाम छह बजे किश्ती चली थी। इसके रविवार सुबह सात बजे रणजीत सागर डैम से पानी छोड़ा गया। जिससे रावी में बाढ़ आ गई।
उम्मीद की जा रही है कि सोमवार को जल स्तर कम होगा और किश्ती चलने से थोड़ी राहत मिलेगी। लेकिन फिर से पानी छोड़े जाने से इन गांवों के लिए यातायात बिल्कुल बंद है। जानकारी के अनुसार रावी पार स्थित दोनों स्कूल बंद कर दिए गए है।
बाढ़ जैसी स्थिति के कारण अध्यापक भी स्कूल नहीं पहुंच पा रहे। इसके अलावा नामात्र सेहत सुविधा के कारण वहां के लोगों के लिए हालात बेहद कठिन बने हुए है। इसके अलावा इन गांवों में पिछले तीन दिन से बिजली सप्लाई ठप पड़ी है। जिससे लोगों की परेशानियां ओर बढ़ गई है।
प्रशासन ने जारी किया तीन दिन का अलर्ट
रावी , उज्ज, जलालिया दरिया में लगातार जल स्तर बढ़ने से कई गांवों में भारी नुक्सान हुआ है। सोमवार को पानी छोड़े जाने की सूचना जिला प्रशासन की ओर से जारी की गई। प्रशासन का कहना है कि जम्मू और कठुआ के ज्यादातर नाले पूरी समर्था से चल रहे है। इसके अलावा ब्यास दरिया में जल स्तर बढ़ने की संभावना है।
प्रशासन लोगों को अपनी सुरक्षा के मद्देनजर दरिया के किनारे से कम से कम 200 मीटर की दूरी बनाने के लिए कहा है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह अलर्ट और चेतावनी 20 अगस्त तक प्रभावी रहेगी।
डीसी दलविंदरजीत सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन की टीमें संभावित बाढ़ वाले क्षेत्र में तैनात है। फ्लड प्लान के अनुसार तय स्थानों पर बनाए गए राहत कैंपों को एक्टिवेट कर दिया गया है। प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है। फिलहाल हालात कंट्रोल में है।
पहाड़ों में वर्षा के कारण किसी भी समय दरियाओं में जल स्तर बढ़ सकता है। किसी भी सहायता के लिए प्रशासन के कंट्रोल रूम के टोल फ्री नंबर 18001801852 अथवा फ्लड कंट्रोल रूम के नंबर 01874-266376 पर संपर्क किया जा सकता है।
इन गांवों में ज्यादा खतरा
जिले के ब्लाक दीनानगर के गांव काना, चौंतरा, चक्करी, आधि, जैनपुर, ठाकुरपुर , डेरा बाबा नानक के गांव धर्मकोट पतन, गुक चक्क, घनिए के बेट और कलानौर के गांव रोसा, चंदू वडाला और कमालपुर जट्टां में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
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