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    गुरदासपुर के किसानों पर आफत बनकर बरस रही बारिश, 4 हजार एकड़ फसल निगल गई रावी नदी; उठी मुआवजे की मांग

    कलानौर के सीमावर्ती गांवों में रावी नदी में बाढ़ से किसानों की धान और गन्ने की फसलें डूब गईं। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है क्योंकि उनकी 4000 एकड़ से अधिक फसल बर्बाद हो गई है। मार्केट कमेटी कलानौर के चेयरमैन रणजीत सिंह बाठ ने कहा कि सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है और गिरदावरी शुरू कर दी है।

    By Sunil Kumar Edited By: Anku Chahar Updated: Wed, 27 Aug 2025 02:59 PM (IST)
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    कंटीली तार के पार हजारों एकड़ धान की फसल पानी में डूबने से परेशान किसान (फोटो: जागरण)

    संवाद सहयोगी, कलानौर। ब्लॉक कलानौर के अंतर्गत आते सीमावर्ती गांव रोसा, पकीवां, चंदू वडाला खासा, कमालपुर जट्टां, मोमनपुर मेतला के किसानों की धान व गन्ने की फसल रावी नदी के बढ़े जल स्तर के कारण पानी में डूब गई है।

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    जिसके चलते किसान काफी चिंतित है। सीमावर्ती गांवों के किसान, मजदूर और आम लोग जहां रावी दरिया में आई बाढ़ को देखने के लिए सीमा पर बने धुस्सी बांध पर पानी देखने जा रहे है वहीं मार्केट कमेटी कलानौर के चेयरमैन रणजेत सिंह बाठ, मार्केट कमेटी कलानौर के कर्मचारी व माल विभाग के अधिकारियों सहित पहुंचे।

    इस मौके पर गुरबख्श सिंह, सिंदर, सरबजीत सिंह, परमजीत सिंह, अमरीक सिंह, बावा सिंह, जगीर सिंह, हरजीत सिंह सरदूल सिंह, बलविंदर सिंह, भूपिंदर सिंह, जगदीश सिंह पूर्व सरपंच, बलजीत कौर, अमरजीत कौर, करतार कौर सुविंदर आदि ने कहा कि मंगलवार को रावी नदी के बढ़े पानी के कारण गांव रोजा व चंदू वडाला के अलावा अन्य सीमावर्ती गांवों की 4000 एकड़ से अधिक धान व गन्ने की फसल रावी दरिया के पानी में डूब गई है।

    उन्होंने कहा कि महंगी खाद, दवाइयां, धान की रोपाई आदि पर 20 हजार रुपये प्रति एकड़ खर्च किया गया है। अब जब धान की फसल रावी के पानी में डूब गई है।

    इसके अलावा किसानों की मोटरें व सोलर सिस्टम भी पानी में डूब गए हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी रावी नदी के पानी से उनकी फसलें नष्ट होती रही हैं, लेकिन सरकार ने नष्ट हुई फसलों का किसानों को मुआवजा नहीं दिया।

    बार्डर संघर्ष कमेटी के नेता प्रभशरण सिंह रोसा ने कहा कि जहां किसानों को रावी दरिया के पानी से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा नहीं दिया जा रहा, वहीं किसानों की जमीनों में लगी कंटीली तारें की पार वाली जमीन का भी मुआवजा नहीं दिया जा रहा।

    इस मौके पर उन्होंने पंजाब और केंद्र सरकार से मांग की कि सीमा के किनारे बसे गांवों के किसानों को प्रभावित फसलों का मुआवजा दिया जाए। साथ ही उन्होंने कंटीली तारें की पार जमीन का भी मुआवजा देने की मांग की।

    मार्केट कमेटी कलानौर के चेयरमैन और आम आदमी पार्टी डेरा बाबा नानक हलके के संगठन इंचार्ज रणजीत सिंह बाठ ने रावी नदी के पानी में डूबी फसलों का जायजा लेने के बाद संबंधित किसानों से बातचीत की।

    उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने बाढ़ के पानी से प्रभावित फसलों का मुआवजा देने का ऐलान किया है और सरकार ने गिरदावरी भी शुरू कर दी है। इस मौके पर मुखविंदर सिंह मस्तकोट, गुरशरणजीत सिंह, गिरदावर भूपिंदर सिंह आदि मौजूद थे।