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    Punjab Flood: गुरदासपुर में बाढ़ के बाद तबाही, गांवों में कीचड़ और बीमारियों का खतरा बढ़ा

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 12:13 PM (IST)

    गुरदासपुर में रावी नदी की बाढ़ का पानी घटने लगा है लेकिन अब कीचड़ और गंदगी से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। घरों में कीचड़ जमा है जिससे प्रवेश करना मुश्किल हो रहा है। मच्छरों और कीटों के कारण डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है पर दूर-दराज के गांवों तक पहुंचना मुश्किल है।

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    रिवर पैराडाइज में दरिया के पानी के कारण खराब हुए वाहन

    जागरण टीम, गुरदासपुर। रावी दरिया में आई भीषण बाढ़ ने तबाही का जो मंजर पेश किया था, वह अब धीरे-धीरे थमने लगा है। दरिया का जलस्तर सामान्य होने लगा है और सैकड़ों गांवों से पानी भी काफी हद तक उतर गया है। हालांकि पानी के उतरने के साथ ही एक नई चुनौती लोगों के सामने आ खड़ी हुई है।

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    गांवों में हर तरफ जमा कीचड़ और गंदगी ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बाढ़ का पानी जहां से हटा है, वहां बची है तो सिर्फ तबाही और मुश्किलों की एक लंबी दास्तान। हर घर में मोटी परत में कीचड़ जमा है। लोग अपने ही घरों में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं।

    कीचड़ और पानी के कारण मच्छरों और कीटों का प्रकोप बढ़ने लगा है। इससे डेंगू, मलेरिया, हैजा, टाइफाइड और त्वचा संबंधी बीमारियों के फैलने का गंभीर खतरा पैदा हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें अलर्ट मोड पर हैं, लेकिन दूर-दराज के गांवों तक पहुंचना अभी भी एक बड़ी चुनौती है।

    गांवों तक जाने वाली सड़कें अभी लोगों के घरों का सामान, जिसमें फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक उपकरण, कपड़े, और राशन आदि सब कुछ पानी और कीचड़ में खराब हो चुका है।

    लोगों ने अपनी जीवन भर की कमाई को पल भर में खोते हुए देखा है। रावी दरिया में आई बाढ़ के कारण गुरदासपुर जिले के 324 गांवों के लगभग 1.45 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए जिले में 25 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।