पंजाब में नशा तस्करों पर शिकंजा, पहली बार पीआईटी एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज; 2 साल तक नहीं मिलेगी जमानत
पंजाब सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ सख्ती बढ़ा दी है। पहली बार गुरदासपुर के सीमावर्ती गांव शहूरकलां के नशा तस्कर अवतार सिंह तारी के खिलाफ पीआईटी एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। इस एक्ट के तहत आरोपित को दो वर्ष तक जमानत नहीं मिल सकती। डीजीपी गौरव यादव ने पुष्टि की है कि जल्द ही कई और तस्करों पर भी ऐसी कार्रवाई होगी।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर। प्रदेश सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ अब और सख्ती करनी शुरू कर दी है। इसी के तहत राज्य में पहली बार गुरदासपुर के सीमावर्ती गांव शहूरकलां के नशा तस्कर अवतार सिंह तारी के खिलाफ पीआइटी एनडीपीएस एक्ट (प्रिवेंशन आफ इल्लिसिट ट्रैफिक इन नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) के तहत केस दर्ज किया गया है।
खास बात यह है कि इस एक्ट के तहत केस दर्ज होने के बाद आरोपित को दो वर्ष तक जमानत नहीं मिलने का प्रविधान है। तारी के खिलाफ उक्त एक्ट के तहत केस दर्ज करने की पुष्टि डीजीपी गौरव यादव ने की है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही कई और नशा तस्करों के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।
बिल्ला के खिलाफ एनसीबी के तहत केस दर्ज
बता दें कि इससे पहले अगस्त महीने में एनसीबी ने तरनतारन जिले के गांव हवेलियां निवासी बलविंदर बिल्ला को भी गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ भी एनसीबी ने पीआइटी एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।
बिल्ला इन दिनों असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अधिकारियों ने बताया कि बिल्ला के खिलाफ केस एनसीबी ने दर्ज किया था जबकि तारी के खिलाफ पंजाब पुलिस ने दर्ज किया है जोकि राज्य पुलिस की पहली कार्रवाई है।
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एसएसपी हरीश कुमार दयामा ने बताया कि एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएस) ने जिला पुलिस के साथ 24 अक्टूबर को नशा तस्कर अवतार सिंह तारी को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद उसके खिलाफ पीआइटी एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। उन्होंने बताय कि तारी लंबे समय से सीमा पार से हेरोइन की तस्करी कर रहा था। उसके संबंध पाकिस्तानी तस्करों के साथ भी हैं। वह अब तक करीब 231 किलो हेरोइन की तस्करी कर चुका है।
जेल से बाहर आने के बाद फिर शुरू किया नशे का धंधा
उसे नशा तस्करी से जुड़े दो मामलों में सजा भी हो चुकी है और वह जमानत पर बाहर आया था। जेल से बाहर आने के बाद वह फिर से हेरोइन की तस्करी करने लगा था।
इसी के चलते संयुक्त आप्रेशन के दौरान उसे गिरफ्तार कर उसके खिलाफ पीआइटी एनडीपीएस के तहत केस दर्ज किया गया।एसएसपी ने बताया कि तारी के अलावा कुछ अन्य नशा तस्करों के खिलाफ करीब एक वर्ष से गृह मंत्रालय के पास प्रस्ताव लंबित पड़ा था।
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वहां से मंजूरी मिलने के बाद तारी के खिलाफ उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया गया। उन्होंने बताया कि तारी का बेटा युवराज सिंह भी गुरदासपुर पुलिस द्वारा नशा तस्करी के मामले में ड्रग मनी और पिस्टल के साथ कुछ माह पहले गिरफ्तार किया गया था।
किन लोगों के खिलाफ एक्ट के तहत की जाती है कार्रवाई
एसएसपी हरीश दयामा ने बताया कि जिन लोगों द्वारा बड़े स्तर पर नशा तस्करी की जाती है, उन लोगों के खिलाफ उक्त एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है।
भले ही मौके पर संबंधित व्यक्ति से कोई नशा बरामद न भी हो, लेकिन उसके खिलाफ ऐसे सबूत हों कि वह बड़े पैमाने पर नशा तस्करी में लिप्त है।
यही नहीं, अगर कोई नशा तस्करी में लिप्त लोगों का किसी न किसी तरह का सहयोग करता है, उसके खिलाफ भी गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद उक्त केस के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
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