इधर, धान की बर्बाद हुई फसल का मुआवजा न मिलने पर किसानों ने डीसी कार्यालय घेरा
ओलावृष्टि के दौरान 123 गांवों की नष्ट हुई धान की फसल का मुआवजा न मिलने के रोष स्वरूप भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने डीसी कार्यालय को घेर लिया। ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : ओलावृष्टि के दौरान 123 गांवों की नष्ट हुई धान की फसल का मुआवजा न मिलने के रोष स्वरूप भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने डीसी कार्यालय को घेर लिया। इस दौरान पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने के बाद डीसी मोहम्मद इशफाक को मांगपत्र सौंपा गया।
प्रधान लखविदर सिंह मंदिर वाली ने बताया कि 22 अक्टूबर 2021 को 20 हजार एकड़ हलका डेरा बाबा नानक व हलका फतेहगढ़ चूडि़यां के 123 गांवों की ओलावृष्टि के दौरान धान की फसल बिल्कुल बर्बाद हो गई थी। इससे किसानों का करोड़ों रुपये का नुकसान हो गया है। किसानों ने उस समय डेरा बाबा नानक के एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया था तब डिप्टी कमिश्नर ने भरोसा दिया गया था कि अप्रैल में बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दे दिया जाएगा, लेकिन आज कितने महीने बीत जाने के बावजूद भी उन्हें बनता मुआवजा नहीं दिया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मुआवजा नहीं दिया गया तो किसान सड़कों पर उतरेंगे, जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन व सरकार की होगी। जेसीबी व टिप्पर मालिकों ने एक्सईयन कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : बटाला की पुलिस ने थाना श्रीहरगोबिदपुर के गांव मठौला में अवैध माइनिग का मामला दर्ज किया है। इसके विरोध में विभिन्न जेसीबी व टिप्पर मालिकों ने यहां संबंधित विभाग के एक्सईएन कार्यालय के बाहर रोष प्रदर्शन किया। उन्होंने उक्त पर्चा को रद करने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर उक्त पर्चा रद नहीं किया गया तो वे पक्का धरना लगा देंगे।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा उन्हें तीन फीट तक माइनिग करने की अनुमति दी गई है जबकि वह केवल ढाई फीट तक ही माइनिग कर रहे है। इसके बावजूद विभाग द्वारा श्रीहरगोबिदपुर के गांव मठौला में मिट्टी उठा रहे लोगों के खिलाफ पर्चा दर्ज कर दिया गया है, जोकि सरासर धक्केशाही है। वक्ताओं ने कहा कि जिला प्रशासन का कहना है कि उक्त मिट्टी को कस्सी से खोदा जाए, जोकि बिल्कुल संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह मामला संबंधित विभाग के अधिकारियों के ध्यान में ला दिया है। अगर अब भी उक्त पर्चा रद्द नहीं किया गया व उन्हें परेशान करने बंद न किया गया तो पक्का धरना लगाने के लिए मजबूर होंगे।

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