दिल्ली-जम्मू-कटरा हाईवे के लिए एक्वायर जमीनों की निशानदही के लिए आए अधिकारियों को किसानों ने वापस भेजा, लगाया धरना
दिल्ली-जम्मू-कटरा नेशनल हाईवे के लिए एक्वायर की जा रही जमीन को लेकर मंगलवार को किसानों का गुस्सा फूट पड़ा।
संवाद सहयोगी, कादियां : दिल्ली-जम्मू-कटरा नेशनल हाईवे के लिए एक्वायर की जा रही जमीन को लेकर मंगलवार को किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। किसानों को सूचना मिली थी कि हरचोवाल के गांव भामड़ी में प्रशासनिक अधिकारी जमीन की निशानदेही के लिए पहुंच रहे हैं। इस पर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के बैनर तले बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुंच गए। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। इसके बाद किसान धरने पर बैठ गए और प्रशासनिक अधिकारियों को बिना निशानदेही किए खाली हाथ लौटना पड़ा। किसानों का कहना था कि उनकी एक्वायर की जा रही जमीन का उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के जिला प्रधान गुरप्रीत सिंह खानपूर, जिला सचिव सोहण सिंह गिल के नेतृत्व में हजारों किसान अपने परिवार सहित गांव भामड़ी में इकट्ठे हो गए, जहां माल विभाग के अधिकारी खेतों में निशान लगाने आए हुए थे। जब वे निशान लगाने लगे तो किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेताओं ने पुलिस का नाका तोड़ दिया और माल विभाग के अधिकारियों को निशानदेही करने से रोक दिया। प्रदेश प्रधान सविद्र सिंह चुताला, लखविदर सिंह वरियाम नंगल ने कहा कि केन्द्र और पंजाब सरकार जबरन किसानों की जमीनें इक्वायर कर रही हैं और हाईवे बनाने के लिए वाजिब मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। दिल्ली-जम्मू-कटरा एक्सप्रेस मार्ग के लिए जमीन इक्वायर करने के लिए एक ही गांव में दो-दो रेट हैं। गांव की एक तरफ एक करोड़ दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ 30 लाख प्रति एकड़ रेट है। हंगामा देखते हुए मौके पर एसडीएम डाक्टर शायरी भंडारी किसान नेताओं से मिले और किसानों को भरोसा दिया कि वे सरकार से बात करेंगी। इस अवसर पर हरदीप सिंह, अनुप सिंह, रणबीर सिंह, दविद्र कौर, गुरप्रीत कौर, हरजीत कौर, हरविद्र सिंह मसानीया, सतनाम सिंह, हरजीत सिंह लील कलां, बाबा सुखदेव सिंह नत, गुरप्रताप सिंह उपस्थित थे। उधर, देर शाम जिला प्रशासन ने किसानों के साथ बातचीत कर उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का विश्वास दिलाया। इसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया। किसानों की मांगें
किसान नेताओं ने पंजाब सरकार से मांग की है कि उन्हें किसानों की जमीनों का वाजिब मुआवजा इकट्ठा दिया जाए। जो जमीन हाईवे के पार जा रही है उन पर पानी का पानी बिजली का कनेक्शन दें। इसी तरह ब्यास दरिया पर किसानों को एक अलग मार्ग बनाकर दिया जाए। किसानों की जमीनें बांटकर जिस किसान की जमीन हाईवे में आ रही है उसे ही मुआवजा दिया जाए। हाईवे के पार जाने के लिए एक मार्ग बनाकर दिया जाए। यदि किसानों की मांगें सरकार को मंजूर नहीं हैं तो एक अगस्त से एसडीएम बटाला के दफ्तर के बाहर जत्थेबंदी पक्का मोर्चा लगाएगी।
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