दीनानगर की 'जंग' जीत कर भी खुश नहीं दिखे कांग्रेसी
अरुणा चौधरी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार शमशेर सिंह को हराने में कामयाब रहीं मगर हलके में कांग्रेस पार्टी की इस जीत की खुशी को पंजाब भर में चली आप की ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, दीनानगर : दस मार्च को आए पंजाब विधानसभा चुनाव के परिणामों में भले ही दीनानगर विधानसभा हलके से कांग्रेसी उम्मीदवार अरुणा चौधरी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार शमशेर सिंह को हराने में कामयाब रहीं, मगर हलके में कांग्रेस पार्टी की इस जीत की खुशी को पंजाब भर में चली 'आप' की आंधी ने 'ग्रहण' लगा दिया है।
दीनानगर विधानसभा हलके से चुनाव जीतकर भी कांग्रेसियों के चेहरे निराश है। जिससे पंजाब में आप की सरकार बनने के बाद दीनानगर हलके की सियासत में हुई बड़ी उथलपुथल माना जा रहा है। पिछले पांच वर्ष तक सरकार में बने रहने वाले दीनानगर हलके के कांग्रेस प्रतिनिधि और उनके समर्थक राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से अब अपने आपको अर्श से फर्श पर गिरा हुआ महसूस कर रहे है।
कांग्रेसी इसी बात को लेकर बेहद चितित हैं कि हलके की जंग जीतने के बावजूद वह अपने आने वाले पांच वर्षों तक मान-सम्मान प्राप्त नहीं कर सकेंगे, जोकि पिछले पांच वर्षों के दौरान मिला है।
विकास के दावों को नहीं मिला कोई खास उत्साह
पूर्व कैबिनेट मंत्री और मौजूदा कांग्रेसी विधायक अरुणा चौधरी 2017 के विधानसभा चुनावों में अपने विरोधी भाजपाई उम्मीदवार बिशन दास धुप्पड़ से 31917 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे। इसके बाद वह कैप्टन सरकार में कैबिनेट मंत्री बने और फिर कैप्टन अमरिदर सिंह का तख्तापलट होने के बाद भी वह चन्नी सरकार में सिर्फ जगह ही हासिल नहीं कर सके, बल्कि और ताकतवर होकर निकले। कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी का दावा है कि उन्होंने 2017 से 2022 तक के पांच वर्षों के दौरान हलके का बहुत विकास करवाया है और वह इन चुनावों के प्रचार के दौरान हलके में करवाए गए विकास कार्यों के आधार पर ही लोगों से वोट मांगते नजर आए। उन्होंने मंच पर अपनी पिछली बार की 31917 की लीड का भी लोगों को बार बार एहसास करवाया, मगर हलके के लोगों ने उन्हें कोई खास समर्थन नहीं दिया। परिणाम यह निकला कि इस बार तो कांग्रेस का गढ़ माने जाते दीनानगर हलके को अरुणा चौधरी की ओर से बचा सकना कठिन भी प्रतीत होना लगा था। इस बार उनकी लीड में और इजाफा होने की बजाए इतनी कम हो चुकी है कि पहली बार चुनाव लड़ रहे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार शमशेर सिंह से बड़ी मुश्किल से महज 1131 वोटों के मामूली अंतर से जीतने में कामयाब हो सके। अब देना यह होगा कि वह राज्य में अपनी सरकार ना होने के बावजूद हलके के लोगों की उम्मीदों पर किस तरीके से खरे उतरते हैं और अपने कार्यकर्ताओं में कितना जोश भर सकेंगे।

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