गुरदासपुर के बटाला में जस्सा सिंह चौंक पर मोटरसाइकिल सवारों ने की अंधाधुंध फायरिंग, दो की मौत; लोगों में आक्रोश
बटाला के जस्सा सिंह चौक में हुई गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और पांच घायल हो गए। हैरी चट्ठा ग्रुप ने घटना की जिम्मेदारी ली है, उनका कहना है कि मारे गए लोगों में से एक ने जग्गू भगवानपुरिया के दुश्मनों को पनाह दी थी। इस घटना के विरोध में हिंदू संगठनों ने बंद का आह्वान किया और पुलिस से आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।

घटना में मारे गए दोनों लोग
संवाद सहयोगी, बटाला। सिटी थाना बटाला में पड़ते जस्सा सिंह चौंक में स्थित चंदा खाना खजाना व चंदा बूट हाऊस पर दो मोटरसाइकिलों पर करीब आधा दर्जन लोगों ने शुक्रवार रात को अंधाधुंध फायरिंग की थी। जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि पांच गंभीर रूप से घायल हो गए। फायरिंग का कारण पुरानी रंजिश बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस घटना के विरोध में हिंदू संगठनों ने शहर बंद की कॉल दी, लेकिन बहुत अधिक सफल नहीं हो पाई।
इसके बाद संगठनों द्वारा एसएसपी कार्यालय केसमक्ष करीब डेढ़ घंटा धरना भी दिया गया। इसके साथ ही इस घटना की जिम्मेदारी हैरी चट्ठा ग्रुप ने ली है। उन्होंने दावा किया है कि मारे गए लोगों में शामिल सरबजीत सिंह उर्फ काका ने जग्गू भगवानपुरिया की माता व साथी कत्ल करने वाले लोगों को पनाह दी थी।
जानकारी के मुताबिक, बटाला में जस्सा सिंह चौक में स्थित चंदा खाना खजाना व चंदा बूट हाऊस पर शुक्रवार की रात करीब सवा आठ बजे दो मोटरसाइकिलों पर आए आधा दर्जन के करीब लोगों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। जिसमें दुकान के मालिक एडवोकेट चंद्र चंदा पुत्र तरलोचन चंद, दुकान का सिक्योरिटी गार्ड सरबजीत सिंह निवासी बुल्लेवाल, दुकान के मालिक का दोस्त आंधियां चौक निवासी कनव महाजन व शोरुम के पास खड़े उम्रपुरा निवासी अमृत पाल, अमनजोत, खजूरी गेट निवासी संजीव सेठ व पूरिया मोहल्ला निवासी जुगल किशोर गोलियां लगने से जख्मी हो गए थे। मौके पर पहुंचे लोगों द्वारा घायलों को सिविल अस्पताल बटाला में पहुंचाया गया।
सिविल अस्पताल के डॉक्टर साहिल ने घायलों में से सर्बजीत सिंह व कनव महाजन की पहले ही मौत की पुष्टि कर दी थी। हालांकि पुलिस ने रात को मरने वाले लोगों की पुष्टि नहीं की थी, लेकिन बाद में पुष्टि करते हुए अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। मृतक सर्बजीत काका (35) की पत्नी और दो बच्चे है। वह निजी सिक्योरिटी के रूप में काम कर रहा था। मृतक कनव महाजन की अपने पिता की मोबाइल रिपेयर और बेचने की दुकान है। वह अभी अविवाहिता था। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था।
हैरी चट्ठा ग्रुप ने ली जिम्मेदारी
उक्त घटना के बाद हैरी चट्ठा ग्रुप द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर इसकी जिम्मेदारी ली गई। जिसमें उन्होंने लिखा कि आज जो बटाला में काका बुल्लोवाल का मर्डर हुआ है, उसकी जिम्मेदारी मैं हैरी चट्ठा, अमन घोतावाला, अमृत दालम केशव शिवाला, दीपा यूएसए लेते है। इसने हमारे भाई दीपू अजनाला के कातिल धोनी लंडा गैंग के आदमी बिल्ला मंगा को पनाह दी थी। इस लिए इसका मर्डर हुआ। जो भी और दीपू वाले केस में हैं, वह भी अपनी तैयारी रखें। बारी सबकी आएगी। जो और भी कोई धोनी लंडा गैंग के आदमियों की सहायता करेगा, उसका परिणाम भी काका वाला होगा। पुलिस के आगे निवेदन है कि उन्हें भी पता है कि यह आदमी क्रिमिनल था। हम नजायज नहीं कर रहें। अगर नजायज करनी हो तो रोज बंदा मारेंगे। बाकी माता ते साडे भरावां दे केस च जिने धौनी लंडा गैंग दे बंदियां नू पानी दा घुंट वी पियां, वह मरेगा। बारी दा इंतजार करो, नंबर सारियां दा आवेगा।
हिंदू संगठनों ने दी बंद की कॉल
उक्त घटना के रोष स्वरुप विभिन्न हिंदू संगठनों की ओर से शनिवार को बंद की काल दी गई। हालांकि यह काल देर से दिए जाने के चलते बहुत अधिक सफल नहीं हो पाई। बंद की काल देने के बाद शिवसेना समाजवादी के उत्तर भारत प्रमुख राजीव महाजन, बजरंग दल के एडवोकेट चंद्रकांत महाजन, शिवसेना बाल ठाकरे के पंजाब वाइस प्रधान रमेश नैय्यर, एंटी टरिस्ट फ्रंट के गगन प्लाजा, शिवसेना समाजवादी के पंजाब वाइस प्रधान ओम प्रकाश ने शहर के नेहरु गेट, लोहा मंडी, लक्कड़ मंडी, गांधी चौंक, हंसली पुल में जाकर दुकानें बंद करवाई गई। हालांकि कुछ समय के बाद फिर से दुकानें खुल गई।
इसके बाद उक्त सभी लोगों ने एसएसपी कार्यालय समक्ष पहुंचकर करीब डेढ़ घंटे तक धरना लगाया। जिसके बाद डीएसपी कस्तूरी लाल ने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है और जल्द ही आरोपितों को काबू कर लिया जाएगा। जिसके बाद हिंदू नेताओं द्वारा धरना समाप्त कर दिया गया और साथ ही पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी गई है कि अगर रविवार शाम तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो सोमवार को पूर्ण बंद किया जाएगा और इस संघर्ष को पंजाब स्तर तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सोमवार की कॉल के बाद किसी दुकानदार ने अपनी दुकान खोली तो उसकी जिम्मेदारी उस दुकानदार की होगी।
जस्सा सिंह चौक का बाजार रहा बंद
भले ही हिंदू संगठनों की काल के बावजूद शेष शहर बंद नहीं हुआ। लेकिन जस्सा सिंह चौक, जहां पर उक्त घटना हुई थी, वहां के करीब 50 से अधिक दुकानदारों द्वारा रोष स्वरुप पूरा दिन अपनी दुकानें बंद रखी गई। दुकानदारों द्वारा जल्द से जल्द आरोपितों की गिरफ्तारी और शहर में कानून व्यवस्था को बहाल करने की जा रही है। दुकानदारों का कहना है कि अगर शहर के भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में इस तरह से सरेआम गुंडागर्दी होने लगी तो लोग खुद को सुरक्षित कैसे रख पाएंगे। इस लिए सुरक्षा व्यवस्था को बहाल करने के लिए पुलिस को सुरक्षा बढ़ानी होगी।
घटना घायलों की जुबानी
घायल जुगल किशोर ने बताया कि घटना के दौरान वह मोटरसाइकिल पर जस्सा सिंह चौक में जा रहे थे। उन्होंने बताया कि वह समाध रोड से जस्सा सिंह रोड पर स्थित अपने घर की तरफ आ रहा था। जस्सा सिंह चौक में पहुंचने पर एकदम से ऐसा लगा कि जैसे उसे करंट लगा है। जिसके चलते उन्होंने तुरंत अपनी बाइक रोकी और वहां पर खड़े एक व्यक्ति से कहा कि शायद मुझे करंट लगा है, मेरी मदद करो। लेकिन जब उन्होंने अपनी बाजू की तरफ देखा तो भारी मात्रा में खून बह रहा था। उनके बाजू में गोली लगी थी। अमनजोत ने बताया कि वह जस्सा सिंह चौक में खड़े थे। एकदम से गोलियां चलनी लगी। इससे पहले उन्हें कुछ समझ आता एक गोली उनके पैर में लग गई और वह गिर गए। आसपास के लोगों द्वारा उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया।
संजीव सेठ ने बताया कि वह कुछ अन्य लोगों के साथ चंदा बूट हाऊस के बाहर खड़े थे और आपस में बातचीत कर रहे थे। पीछे से आए कुछ लोगो ने अचानक गोलियां चलानी शुरु कर दी। हालाकि उन्हें यह पता नहीं है कि वह लोग कैसे आए है। लेकिन गोली लगने के चलते वह घायल हो गए।
अमृतपाल ने बताया कि वह भी उक्त लोगों के साथ ही जस्सा सिंह चौक में खड़ा था। एकदम से हुई गोलीबारी के दौरान उसे गोली लग गई। बाद में वहां पर मौजूद लोगों द्वारा उसे अस्पताल पहुंचाया गया।
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