गुरदासपुर में कुलवंत की हत्या मामले में नया मोड़, अब गैंगस्टर जग्गूभगवानपुरिया ने ली हत्या की जिम्मेदारी
बटाला के मूल्यांवाल गांव में कुलवंत सिंह की हत्या के मामले में नया मोड़ आया है। टीम भगवानपुरिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर हत्या की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने लिखा है कि कुलवंत सिंह के परिवार ने गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की मां के हत्यारों को घर में रखा था। पुलिस ने दो अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

संवाद सहयोगी, बटाला। शुक्रवार को बटाला के गांव मूल्यांवाल में घर में बैठे गोलियां मारकर मौत के घाट उतारे गए कुलवंत सिंह के मामले ने नया मोड़ लिया है। हालांकि थाना सदर की पुलिस ने मृतक की पत्नी सरबजीत कौर के बयानों के आधार पर दो अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की जा रही है। टीम भगवानपुरिया द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल करके उक्त हत्या की जिम्मेदारी ली गई है।
टीम भगवानपुरिए ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि गैगस्टर जग्गू भगवानपुरिए की मां के हत्यारों को कुलवंत सिंह के परिवार ने तीन दिन घर में रखा था। जिसके बदले में उसने यह हत्या की है। उधर शव का पोस्टमाटम होने के बाद शव स्वजनों को सौंप दिया गया है। गांव मूल्यांवा में कुलवंत सिंह का अंतम संस्कार पुलिस की कड़ी सुरक्षा में किया गयाहै। जेल में बंद उसके बेटे गुरजिंदर सिंह बुट्टर को कुछ घंटों की पैरोल पर पुलिस की निगरानी में लाया गया और अंतिम संस्कार के बाद पुलिस उसे जेल में ले गई।
गौरतलब है कि मृतक कुलवंत सिंह का बेटा गुरजिंदर सिंह बुट्टर एक हत्या के मामले में पिछले चार साल से जेल में बंद है। उधर थाना सदर के एसएचओ सुरिंदर पाल सिंह ने बताया कि उक्त मामले के संबंध में दो अज्ञात पर केस दर्ज कर लिया गया है और आरोपितों को पकड़ने के लिए टीमं बनाकर काम किया जा रहा है। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
टीम भगवानपुरिया ने हत्या की ली जिम्मेदारी
कुलवंत सिंह की हत्या के मामले में टीम भगवानपुरिया ने एक पोस्ट वायरल करके हत्या की जिम्मेदारी ली है। हैरी चट्ठा, अमृत दालम, सुलतान गुरदासपुरिया व दीपा यूएसए ने वायरल पोस्ट में लिखा है कि ये जो आज बटाले में बुट्टर के पिता की हत्या हुई है, यह काम हमने करवाया है।
इसने हमारी माजा जी व छोटे भाई कर्ण की हत्या करने वाले शूटर को तीन दिन संभाला था और फिरौती के लिए शहर के व्यापारियों के नंबर देता था। इसे इसकी सजा मिली है। हमारी माता की हत्या में शामिल लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा।
यह गोपी घनशापुरिया व डोली बल्ले के साथ थे। यदि हमने अपनी माता के हत्यारों कोसजा न दी तो हम उनके बेटे नहीं। कोई रंगदारी लेने के लिए हत्या नहीं की है। यह हमारा निजी मामला है। भले ही भाई जग्गू का फोन चले न चले काम होते रहेंगे।
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