महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहीं रीना समराल
आदर्श सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशन सोसायटी ने समाज कार्यों में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है।

अशोक कुमार, गुरदासपुर : आदर्श सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशन सोसायटी ने समाज कार्यों में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। सोसायटी की डायरेक्टर रीना समराल द्वारा किए जा रहे समाज भलाई कार्यों से प्रभावित सोसायटी के साथ लोग जुड़ते जा रहे हैं।
सोसायटी पिछले करीब आठ वर्षों से समाज भलाई कार्यों में अहम भूमिका निभाती आ रही है। जिस समय सोसायटी अस्तित्व में आई थी, उस समय सोसायटी के साथ पांच सदस्य जुड़े हुए थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 25 के करीब हो चुकी है। सोसायटी बच्चों को शिक्षा की सामग्री वितरित करने के साथ-साथ नशे जैसी बुराइयों से दूर रहने के लिए भी सेमिनार लगा रही है। इसके साथ ही लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई कढ़ाई सेंटर भी खोला हुआ है। जहां से लड़कियां प्रशिक्षित होकर लड़किया अपना स्वयं रोजगार स्थापित कर रही है। कोरोना काल के दौरान भी सोसायटी ने जरूरतमंदों की मदद की थी।
सोसायटी की डायरेक्टर रीना समराल ने कहा कि उनकी शुरू से ही तमन्ना थी कि वह समाज भलाई कार्य करे। इसी उद्देश्य को लेकर वह पिछले कई वर्षों से समाज सेवा कार्यों में जुटी हुई हैं। उन्होने कहा कि गरीब बच्चों को कपड़े, सूज, जुराबें आदि सामान वितरित किए जाते हैं जबकि 20 से अधिक सेमिनार आयोजित कर बच्चों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को कभी भी अपनी आपको कमजोर नहीं समझना चाहिए, बल्कि पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर देश की उन्नति में योगदान डालना चाहिए। सोसायटी ने खोला हुआ है वृद्ध आश्रम
रीना समराल ने बताया कि बेसहारा बुजुर्गों का सहारा बनने के लिए एक वर्ष पहले ही उन्होंने पठानकोट के झाखौलाड़ी में एक आदर्श एज होम खोला था। इसमें बुजुर्गों को रहने के साथ-साथ खाने पीने का भी प्रबंध किया गया है। मौजूदा समय में 15 के करीब बुजुर्ग वृद्ध आश्रम में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि माता पिता अपने बच्चो को बड़े प्यार से पालते हैं, मगर जब वह बडे़ हो जाते हैं तो उन्हें घर से बाहर निकाल देते हैं। उन्होने कहा कि माता पिता को दुखी करने वाले कभी भी खुश नहीं रह सकते। लड़कियों को आत्म निर्भर बनाने के लिए खोला सिलाई कढ़ाई सेंटर
सोसायटी ने एक और उचित कदम उठाते हुए लड़कियों को आत्म निर्भर बनाने के लिए सिलाई कढ़ाई सेंटर भी खोला हुआ है। जहां से लड़कियां प्रशिक्षण ले रही हैं जबकि कई लड़कियां प्रशिक्षण हासिल करने के बाद अपना खुद का रोजगार कर रही हैं।
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