पंजाब के फिरोजपुर में नशे का कहर, एक ही रात में तीन युवकों की मौत से मचा हड़कंप
फिरोजपुर के एक गांव में नशे के चलते एक ही रात में तीन युवाओं की मौत हो गई जिससे पूरे गांव में मातम छा गया। ग्रामीणों ने मेडिकल स्टोरों पर नशा बेचने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। मृतकों में संदीप सिंह रणदीप सिंह और रमनदीप सिंह शामिल हैं जो कई सालों से नशे के आदी थे।

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर। जिले के गांव लक्खो के बहराम मेंं एक ही रात में नशे के कारण तीन नौजवानों की मौत हो गई। वहीं, इससे एक दिन पहले भी एक नौजवान की मौत हो जाने के कारण गांव का माहौल गमगीन हो गया औप रोष स्वरूप ग्रामीणों की ओर से चार घंटे तक फिरोजपुर-फाजिल्का हाईवे को जाम कर दिया गया।
युवाओं की मौत का कारण ग्रामीणों ने गांव में खुले मेडिकल स्टोर पर मिल रहे नशे को माना है और मेडिकल स्टोर संचालकों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं, चार नौजवानों की दो दिन में गांव में हुई मौत के काद गांव में मातम का माहौल है।
नशे का जहर गांव में भी फैला
ग्रामीणों का कहना है कि नशे का जहर अब गांव-गांव फैल चुका है। सरकार की ओर से कई अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन कुछ बड़े तस्कर अब भी खुलेआम नशे का कारोबार कर रहे हैं।
वहीं, ग्रामीणों ने मांग की है कि सरकार ऐसे नशा तस्करों के साथ ही मेडिकल स्टोर संचालकों पर भी सख्त कार्रवाई करे ताकि कोई और परिवार इस तरह बर्बाद न हो। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि गांवों में मेडिकल स्टोर पर खुलेआम मेडिकल नशा बेचा जा रहा है जो मौत का कारण बन रहा है।
12वीं तक पढ़ा था संदीप सिंह
28 वर्षीय मृतक संदीप सिंह पिछले आठ साल से नशे का आदी था। वह 12वीं कक्षा तक पढ़ा था। उसकी पत्नी सुनीता रानी ने बताया कि संदीप को अपने पिता की मौत के बाद वाटर सप्लाई विभाग में नौकरी मिली थी, लेकिन नशे की लत के कारण वह पिछले दो साल से सस्पेंड था।
मंगलवार की रात करीब 10 बजे खाना खाने के बाद वह सो गया और रात करीब 2 बजे उसकी तबीयत बिगड़ी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वह चार साल की एक बेटी का पिता था। अब उसके घर में उसकी बूढीं मां, पत्नी व चार साल की बेटी हैं। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि वह बीते कई दिनों से बीमार भी चल रहा था जिसका इलाज चल रहा था ।
30 वर्षीय रणदीप सिंह पुत्र सुखदेव सिंह भी पिछले 10-12 साल से नशा कर रहा था। वह जन्म से दिव्यांग था । वह आठवीं पास था व अविवाहित था। घर में उसके परिवार में उसके माता-पिता व तीन बहन भाई हैं जिनमें से एक भाई विवाहित है व बाकी अभी अवविवाहित हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति भी काफी कमजोर बताई जा रही है। यह मेहनत मजदूरी का काम करता था। मंगवार की देर रात को अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी व मौत हो गई ।
22 साल के रमनदीप की मौत
22 वर्षीय रमनदीप सिंह पुत्र बचित्र सिंह मेहनत-मजदूरी करने वाले परिवार से था। वह करीब 7-8 साल से नशे की गिरफ्त में था। वह 10वीं पास था । मंगलवार की रात उसने भी नशा किया और सुबह चार बजे अचानक उसकी मौत हो गई। रमनदीप अविवाहित था और घर में कमाने वाला मुख्य सदस्य था। वह अपने पीछे अपने बूढे मां-बाप व अपना 20 वर्षीय छोटा भाई छोड़ गया है ।
25 साल के युवक की मौत
वहीं गांव के 25 वर्षीय मैड की भी मंगलवार को नशे के कारण मौत हो गई थी । वह दसवीं तक पढ़ा था और पिछले 8-9 साल से नशा कर रहा था। वह शादीशुदा था मगर नशे की लत के कारण उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी। उसका डेढ़ साल का एक बेटा है। इससे पहले उसका एक भाई भी नशे की वजह से जान गंवा चुका था। मैड का शरीर इंजेक्शन के जख्मों से गल चुका था और मंगलवार की सुबह 4-5 बजे उसकी भी मौत हो गई थी।
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