एजेंट से मिल बैंक में निकलवाया दुकानदार का सोना, दो पर केस
कारोबार चलाने के लिए सोना रख कर बैंक से लोन लिया जब सोना वापस लेने की कोशिश की तो पता चला एजेंट के साथ मिलीभगत कर दो आरोपितों ने सोना बैंक से निकलवा कर खुर्दबुर्द कर दिया।

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : कारोबार चलाने के लिए सोना रख कर बैंक से लोन लिया, जब सोना वापस लेने की कोशिश की तो पता चला एजेंट के साथ मिलीभगत कर दो आरोपितों ने सोना बैंक से निकलवा कर खुर्दबुर्द कर दिया। पुलिस को शिकायत की तो एजेंट ने कहा आरोपितों के दबाव में बैंक से सोना निकलवाया गया है। एजेंट की मौत के बाद पुलिस ने दो लोगों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया।
कर्जदार की बिना जानकारी बैंक से सोना निकलने पर बैंक की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा हो गया है। शिकायतकर्ता के मुताबिक उन्होंने बीस तोले से अधिक सोना बैंक में गिरवी रखा था। शिकायकर्ता रमेश कश्यप ने कहा वो दुकानदार शकील खान को जानता था। आर्थिक तंगी के कारण उसने बैंक से कर्ज लेने के लिए शकील खान से बात की तो उसने एजेंट सुबोध से मिलवाया। सुबोध ने एक बैंक के मैनेजर अरुण कुमार से उसकी मुलाकात करवाई। साल जुलाई 2018 को उसने सोने के सिक्कों के बदले पांच लाख का कर्ज लिया। इसके बाद सुबोध के खाते में 4010 रुपए की किस्त डेढ़ साल तक भरता रहा। आर्थिक हालात ठीक होने पर उसने सुबोध को बाकी के पैसे देकर सोना वापस लेने की बात की तो उसने टालमटोल करना शुरू कर दिया। जब सुबोध ने कोई रास्ता न दिया तो उन्होंने सिटी थाना में शिकायत की। जांच के दौरान सुबोध ने बताया कि सुशील कुमार और गुरप्रीत सिंह ने उस पर दबाव डालकर सोना बैंक से निकलवा लिया था, जबकि बैंक से लोन लेने की असली रसीद उनके पास है। जांच के दौरान ही 11 नवंबर 2020 को सुबोध की मौत हो गई। रमेश कश्यप ने कहा कि बैंक अधिकारी की मिलीभगत के बिना सोना बाहर नहीं आ सकता। जांच कर रहे थाना सिटी के एएसआइ सुखदेव सिंह ने कहा कि उच्चाधिकारियों को दी गई शिकायत के बाद सुशील कुमार और गुरप्रीत सिह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

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