Punjab Heavy Rain: पंजाब में उफान पर सतलुज, कालूवाला गांव का देश से टूटा संपर्क; 400 एकड़ फसल हुई जलमग्न
फिरोजपुर से बहने वाली सतलुज नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे कई गांवों का देश से संपर्क टूट गया है। गांव में करीब 400 एकड़ से ज्यादा फसल पानी में डूब गई है और लोग अपने घरों में नजरबंद हो गए हैं। कुछ किसान अपनी फसल और भूमि को देखने के लिए जान जोखिम में डालकर किश्ती चलाकर कालूवाला की तरफ जा रहे हैं।
फिरोजपुर, तरूण जैन। पंजाब में तेज बारिश के कारण सतलुज का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इस वजह से भारत-पाकिस्तान सीमा के सट्टे गांव कालूवाला का देश से संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। गांव में करीब 400 एकड़ से ज्यादा फसल पानी में डूब गई है और लोग अपने घरों में नजरबंद हो गए हैं। कुछ किसान अपनी फसल और भूमि को देखने के लिए जान जोखिम में डालकर किश्ती चलाकर कालूवाला की तरफ जा रहे हैं।
पानी के बहाव में मृत पशु तक बहकर जा रहे हैं। ग्रामीणों की निगाहें सिर्फ दरिया पर टिकी है कि पर सतलुज का उफान कम हो और वह अपनी भूमि पर जाकर फसलों को बचा सकें। भारी बारिश के बाद प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। किसानों के चेहरों पर चिंता साफ नजर आ रही है।
सतलुज के पास भूमि में कटाव आना शुरू हो गया है। सतलुज का पानी जब किनारों को टक्कर मार रहा है तो मिट्टी व पत्थरों के बैग पानी के तेज बहाव में साथ बह रहे हैं। किसी भी वक्त पानी टैंडवाला, झुगे हजारे, चांदीवाला सहित अन्य एक दर्जन गांवों में घुस सकता है।
पाकिस्तान की तरफ छोड़ जा रहा पानी
जल स्रोत विभाग के सूत्र बताते हैं कि हरिके हैड की तरफ से रात 2 बजे 8712 क्यूसिक पानी हुसैनीवाला की तरफ छोड़ा गया था। उसके बाद जल का बहाव तेज होने के कारण सुबह 10 बजे 15199 क्यूसिक, 12 बजे तक 20180 क्यूसिक पानी छोड़ा जा चुका है। वहीं हुसैनीवाला हैड से 10500 क्यूसिक ज्यादा पानी पाकिस्तान की तरफ छोड़ा जा रहा है, ताकि यहां पर पानी ज्यादा एकत्रित ना हो।
विभाग के सीनियर इंजीनियर पाल सिंह बताते हैं कि फिरोजपुर में हालात खतरे से बाहर हैं। दरिया या नहरों में जो भी पानी आ रहा है, उसे आगे छोड़ा जा रहा है और बाढ़ जैसी स्थिति के कोई हालात नहीं है।
किसानों ने क्या कहा
युवा किसान सुरिन्द्र सिंह ने बताया कि उसकी दो एकड़ भूमि दरिया के उस पार गांव कालूवाला में है और वह टेंडीवाला का रहने वाला है। मेहनत के साथ उसने जमीन पर धान की फसल रोपी थी, लेकिन अब उसके खेत में करीब 4 फीट तक पानी खड़ा है। दरिया में पानी का स्तर ऊंचा होने के कारण पानी उसके खेतों में घुस गया है और फसल पूरी तरह से खराब हो गई है।
किसान दर्शन सिंह ने कहा कि सरकार हर बार पक्की नोंच बनाने के दावे तो करती है, लेकिन सब काम कागजों तक सीमित रह जाते हैं। टेंडीवाला के आखिरी किनारे पर सतलुज का पानी टक्कर दे रहा है और कच्ची नोंच होने के कारण किसी भी समय किनारा टूट सकता है और कई गांव पानी की चपेट में आ सकते हैं, लेकिन अधिकारी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे है।
बारिश के बाद जागा प्रशासन, फ्लड कंट्रोल रूम स्थापित
मानसून की पहली तेज बारिश के बाद अब जिला प्रशासन भी गहरी नींद से जाग उठा है। डिप्टी कमिश्नर राजेश धीमान ने फ्लड कंट्रोल रूम स्थापित करने के अलावा संपर्क नंबरों की सूची जारी की है। उन्होंने तहसील स्तर पर केन्द्र स्थापित किए हैं और लोगों से पानी की निकासी में प्रशासन का सहयोग देने की अपील की है।
डीसी राजेश धीमान ने बताया कि जिला स्तरीय केन्द्र जिला प्रबंधकीय कॉम्पलैक्स में बनाया गया है, जिसका नंबर 01632-244017 है, जबकि तहसील फिरोजपुर में 01632-244019, जीरा में 01682-250169, गुरूहरसहाय में 01685-231010 है। उन्होंने बताया कि एक्सईएन ड्रैनेज फिरोजपुर का कंट्रोल रूम का नंबर 01632-245366 है।
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