कोई रेत-बजरी तो कोई भोजन व पानी... सतलुज के तटबंध को पक्का करने में जुटे पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के लोग
फिरोजपुर के गांव हबीबके में एलएमबी बांध के तटबंध को कमजोर होने से बचाने के लिए मानवता की अनूठी मिसाल देखने को मिली। पंजाब हरियाणा और राजस्थान से आए लगभग दो हजार लोग सेना और प्रशासनिक टीमों के साथ मिलकर बांध को मजबूत करने में जुटे हैं। मालेरकोटला के मुस्लिम समुदाय ने बिरयानी खिलाकर सेवा की।

कपिल सेठी, फिरोजपुर। शहर से करीब छह किलोमीटर दूर गांव हबीबके में एलएमबी बांध के तटबंध कमजोर होने की सूचना मिलते ही छह दिन से यहां सेवा और सहयोग का ऐसा संगम देखने को मिल रहा है, जो मानवता और भाईचारे की सबसे बड़ी मिसाल बन गया है।
बांध को मजबूत करने के लिए न केवल स्थानीय लोग बल्कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से भी लोग पहुंचकर कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं।
बीते छह दिन से यहां रोजाना करीब दो हजार लोग पहुंचकर सेना और प्रशासनिक टीमों के साथ बांध को मजबूत बनाने में जुटे हैं।
मिट्टी के गट्टों से क्रेट बनाने, रस्सियों व तारों का जाल तैयार करने में वालंटियर दिन-रात लगे हुए हैं। बांध को बचाने की यह जंग बताती है कि संकट की घड़ी में जब हर हाथ मदद के लिए आगे बढ़ता है, तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं रहती।
छह दिन पहले गांव हबीबके के पास एलएमबी बांध का एक हिस्सा कमजोर हो गया था। इसके कुछ वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी प्रसारित हुए। खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन सेना की इंजीनियरिंग विंग और ड्रेनेज विभाग की तकनीकी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचा।
इसके साथ ही शुरू हुआ तटबंध की मजबूती का कार्य। इसके बाद यहां वालंटियरों का हजूम उमड़ पड़ा।
पंजाब-हरियाणा-राजस्थान से उमड़ा जनसैलाब
एलएमबी बांध पर फिरोजपुर के अलावा श्रीमुक्तसर साहिब, फरीदकोट, संगरूर, मलोट, बठिंडा, हरियाणा के कुरुक्षेत्र व पिहोवा और राजस्थान के श्रीगंगानगर से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे हैं। सभी का मकसद एक ही है बांध को टूटने से बचाना ताकि फिरोजपुर शहर और आसपास के गांव बाढ़ की चपेट में न आएं।
बिरयानी लेकर मालेरकोटला से पहुंचा मुस्लिम भाईचारा
इस सेवा अभियान की सबसे भावुक तस्वीर तब सामने आई, जब मालेरकोटला से मुस्लिम भाईचारा बांध पर सेवा कर रहे वालंटियरों के लिए अपने स्तर पर बिरयानी और अन्य खाने-पीने का सामान लेकर पहुंचा। मोहम्मद अब्बास के साथ बिरयानी व पशुचारा लेकर पहुंचे लोग बतातें हैं कि इसके लिए मालेरकोटला के जमालपुरा एरिया में काउंटर लगाकर राशन एकत्रित किया गया था।
'सेवादारों ने कमाल कर दिया'
मौके पर मौजूद ठेकेदार रतन सिंह सैनी ने बताया, हमारी तकनीकी टीम यहां लगातार काम कर रही है, लेकिन असली ताकत तो इन सेवादारों की है। कोई घर से 5-10 रेत बजरी के गट्टे लेकर आ रहा है, कोई भोजन व पानी लेकर सेवा में लग रहा है।
यह बिना किसी स्वार्थ की सेवा है और इसी वजह से बांध को मजबूत करना संभव हो पा रहा है। हर हाथ बना सहारा हबीबके में ऐसा नजारा है जहां बच्चे, महिलाएं, नौजवान और बुजुर्ग, हर कोई अपने स्तर पर सहयोग दे रहा है।
कोई ट्रैक्टर-ट्राली में मिट्टी लेकर पहुंच रहा है, तो कोई अपने घर का सामान सेवा में अर्पित कर रहा है। यहां यह देखना मुश्किल है कि कौन किस जिले या राज्य से आया है। सबका मकसद एक है, बांध की रक्षा और शहर को बाढ़ से बचाना।
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