पाकिस्तान सरहद पर सतलुज के पानी में घोल रहा 'जहर'
पाकिस्तान की चमड़ा फैक्ट्रियों का जहरीला पानी सतलुज में बह कर आ रहा है। यह लोगों के लिए जहर के समान है। इसके कारण कई लोगों बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
फिरोजपुर [प्रदीप कुमार सिंह]। पाकिस्तान के कसूर जिले में स्थित चमड़ा फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त जहरीला पानी सरहदी गांवों के बाशिंदों को बीमार कर रहा है। सतलुज के पानी में घुलकर यह जहर भारतीय सीमा में पहुंच रहा है। इससे सतलुज के आसपास के हिस्सों का भूजल दूषित हो गया है।
इस दूषित पानी के कारण सतलुज व सरहद के बीच बसे करीब डेढ़ दर्जन गांवों के हजारों लोग त्वचा, दांत, पेट व हड्डियों के रोगों का शिकार हो रहे हैं। लोगों को कैंसर और हेपेटाइटिस सी जैसी गंभीर बीमारियां भी जकड़ रही हैं। दो तरफ से पाकिस्तान और दो तरफ से सतलुज से घिरे गांव कहलूवाला में बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को गंभीर बीमारियों ने जकड़ रखा है।
गांव के जसप्रीत सिंह ने बताया कि उनके गांव में 25 फीसद से ज्यादा बच्चों के दांत पीले होने के साथ उनका आकार भी बदल गया है। बच्चों की त्वचा पर खुजली, दाद और धब्बे हो रहे हैं। 50 से ज्यादा उम्र के लोगों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं। ग्रामीणों ने इन समस्याओं को लेकर सेहत विभाग को लेकर कई बार सूचित किया है, लेकिन अभी तक हालात सुधर नहीं पाए हैं।
सरहदी गांव गट्टी राजोके, चांदीवाला, गट्टी हजारा सिंहवाला, पीर इस्माइलखां, टेंडीवाला, मुटठियांवाला, हजारा सिंहवाला आदि गांवों के लोग सतलुज के पानी का ही प्रयोग करते हैं। यहां पर 10 से 15 फीट के नीचे पानी निकल आता है। सतलुज के पानी में धातु और केमिकल अधिक होने के कारण उसका प्रभाव इस पानी में भी है।
डॉक्टरों की टीम एक हफ्ते में भरेगी सैंपल : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. गुरङ्क्षवदर ङ्क्षसह का कहना है कि सरहदी गांवों में प्रयोग किए जा रहे पानी के सैंपल लेने के लिए एक टीम का गठन किया जाएगा। यह टीम एक हफ्ते में सैंपल लेगी और उसके आधार पर लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध करवाने के लिए सरकार से सिफारिश की जाएगी।
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