इस्टर्न कैनाल में दूषित पानी से मरी सैकड़ों मछलियां
कोई समय था जब हुसैनीवाला में सतलुज दरिया के किनारे मेला लगा करता था पर आज सतलुज में सिर्फ केमिकल और बुड्डा नाले के गंदे पानी के सिवा कुछ नहीं दिख रहा। ...और पढ़ें

नरेश कुमार, फिरोजपुर : कोई समय था जब हुसैनीवाला में सतलुज दरिया के किनारे मेला लगा करता था पर आज सतलुज में सिर्फ केमिकल और बुड्डा नाले के गंदे पानी के सिवा कुछ नहीं दिख रहा। सतलुज दरिया में आ रहे दूषित पानी के कारण इस्टर्न कैनाल में सैकड़ों मछलियां मर चुकी हैं। ईस्टर्न कैनाल नहर करीब 400 गांवों से होकर गुजरती है, जिसमें दूषित पानी आने से कई बीमारियां फैल सकती हैं।
हरिक हेड पर ब्यास और सतलुज दरिया का संगम होता है और लुधियाना की फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त पानी ब्यास में मिलकर हरिके हेड पर आकर सतलुज में मिल जाता है। वहीं से पानी हुसैनीवाला पहुंचता है, जहां से सतलुज दरिया से निकलती इर्स्टन कैनाल में पानी आगे छोडा जाता है जो आगे चल कर तीन नहरों में बंट जाता है। इसके बाद लछमण फीडर, सोढ़ी वाला फीडर और जलालाबाद फीडर के जरिए आगे पानी छोडा जाता है। इन नहरों के संपर्क में लगभग 400 गांव आते है। हुसैनीवाला में इस्टर्न कैनाल में छोड़े दूषित पानी से मछलिया और अन्य जीव मर रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के प्रधान गुरमीत सिंह ने कहा कि सतलुज का पानी पहले भी दूषित होने के कारण उनकी ओर से मांग की गई थी कि उन्हें पानी सतलुज से नही ब्लकि हरिके हेड से बालेवाला फीडर से दिया जाए। उन्होंने कहा कि जो पानी मछलियों व जीवों के लिए हानिकारक है, वह इंसानों के लिए कैसे ठीक होगा, जब यहीं पानी सिचाई के लिए प्रयोग होगा तो धरती का पानी भी विषैला हो जाएगा बुड्ढा नाला व नदियों की गंदगी आ रही सतलुज में
लुधियाना का बुड्ढा नाला सतलुज में प्रदूषित जल का एक बड़ा कारण है। इसके अतिरिक्त बरसाती नदियां जैसे चिट्टी बेई, काला संघियां नाला की गंदगी भी सतलुज दरिया में आ रही है। सतलुज से नहीं दिया जाएगा इस्टर्न कैनाल को पानी : एक्सईएन
नहरी विभाग के इस्टर्न कैनाल के एक्सईएन यादविंदर सिंह ने कहा कि सजलुज का पानी गंदा होने के चलते हुसैनीवाला इस्टर्न कैनाल से पानी नही छोड़ा जाएगा। इन नहरों को पानी हरिके हेड से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरिके हेड से प्रदूषित पानी फ्ल्श आउट कर दिया गया है। जल्द किया जाएगा मामले का समाधान : डीसी
डीसी फिरोजपुर अमृत सिंहने कहा कि यह मामला उनके सज्ञान में है । उन्होंने उच्च अधिकारियों से बात की है जल्द ही इसका हल किया जाएगा। सिचाई के लिए पानी हरिके हेड से बालेवाला फीडर के जरिए छोडा जाएगा।

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